वाशिंगटन: पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ होने वाले अत्याचार, धार्मिक उत्पीड़न की खबरें समय-समय पर सामने आती रहती हैं. इसका भारत में काफी विरोध भी होता है और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए जाते हैं. इसपर अब अमेरिका ने भी मुहर लगा दी है. अमेरिका ने ऐसे देशों के नाम बताए हैं जहां धार्मिक आधार पर लोगों का उत्पीड़न होता है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियोने कहा, ‘दुनिया के 10 में से 8 लोग जहां रहते हैं वहां वे अपने धर्म का खुलकर पालन नहीं कर सकते हैं. हम धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथियों की निंदा करते हैं. फिर चाहे पाकिस्तान के हिंदू, इराक के यजीदी, नॉर्थईस्ट नाइजीरिया के ईसाई और बर्मा के मुस्लिम हों.’
पॉम्पियो ने ट्वीट करके कहा, ‘साथ मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सिद्धांतों की घोषणा में धार्मिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है. हमने सभी जगह धार्मिक स्वतंत्रता का होने वाला उल्लंघन, आपत्ति और विरोध करने की कसम खाई है.’
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण करके मुस्लिम व्यक्ति से निकाह करवा दिया जाता है. वहां हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की जाती है. ईसाइयों पर भी ईशनिंदा कानून के जरिए अत्याचार होता है.पिछले साल ही ईशनिंदा के कारण सालों जेल में बिताने के बाद ईसाई महिला आसिया बीबी को पाकिस्तान की उच्चतम न्यायालय ने रिहा कर दिया था. जिसके बाद वह कनाडा में रहने को मजबूर हैं.
हाल ही में 27 जनवरी को पाकिस्तान के सिंध में एक हिंदू महिला को जबरन शादी के मंडप से अगवा कर लिया गया, फिर उसका धर्म परिवर्तन कर जबरन एक मुस्लिम शख्स के साथ निकाह कराने का मामला सामने आया था. इसमें सबसे बड़ी बात यह थी कि पुलिस ने इन सभी मामलों में मुस्लिम शख्स का साथ दिया. अधिकारियों ने भी अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.