रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नयी सरकार गठन होने के बाद राज्य के वित्तीय हालात पर जल्द ही श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की गयी है.
बताया गया है कि झारखंड के खजाने खाली पड़े है, सरकार ने नयी योजना शुरू करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. वहीं केंद्र सरकार की कंपनियों पर झारखंड का हजारों करोड़ रुपये बकाया है.
निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने ट्वीट कर बताया कि केंद्र की कोयला और लोहा कंपनियों पर झारखंड का करीब 50 हजार करोड़ रुपये बकाया है, इसका निर्धारण कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हुआ है.
उन्होंने बताया कि नोटिस देने के बाद भी झारखंड का यह बकाया कम्पनियां नहीं चुका रही हैं, पिछली सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसे वसूले.
सरयू राय ने यह भी सलाह दी है कि राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की वित्त व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए फिजुलखर्जी और शोहरत के लिए शुरू की गयी. योजनाओं की टेक्नो-फाईनांसियल विश्लेषण के बाद तय करना चाहिए कि किसे चलाना है और सुस्त या स्थगित करना है, य निर्णय वस्तुपरक होना चाहिए.
इधर, सरकार द्वारा नयी योजनाओं के लिए राशि निर्गत करने पर रोक लगा देते से संवेदकों में हड़कंप मचा हुआ है. मौजूदा सरकार ने विगत सरकार की कई योजनाओं की जांच की घोषणा कर दी है.
वहीं, बकाये को लेकर संवेदक मारे-मारे फिर रहे हैं. भवन निर्माण विभाग के छोटे संवेदकों ने अपने भुगतान के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से गुहार लगायी है. वहीं पथ निर्माण समेत अन्य विभागों में भी गड़बड़ियों की जांच करायी जा रही है, अभियंता प्रमुख समेत कई पर गाज भी गिरी है.