रांची: डी.ए.वी कपिलदेव पब्लिक स्कूल, कडरू, रांची में आज वर्ग दस के विद्यार्थियों के लिए आशीर्वाद सह ट्रैफिक जागरूकता समारोह का आयोजन किया गया. विद्यालय के प्राचार्य एम.के सिन्हा ने इस अवसर पर लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि जीवन में आशीर्वाद का बहुत ही महत्व है और बड़ों से गुरुजनों से निरंतर आशीर्वाद लेते रहने की जरूरत है. उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि वे किसी भी पद पर रहें लेकिन डी.ए.वी के संस्कार को न भूलें और उन पर उनके गुरुजनों और माता पिता का आशीर्वाद बना रहे. सिन्हा ने कहा कि जीवन में श्रम की बहुत बड़ी भूमिका है. जो निरंतर मेहतन करते रहते हैं. सफलता निश्चित रूप से उनके कदम चूमती है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यातायात एसपी अजित रेजी डुंगडुंग ने इस अवसर पर बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया और बच्चों से अनुरोध किया वे अठारह वर्ष की उम्र होने पर ही बाईक चलाएं. उन्होंने विगत वर्ष रांची में हुई दुर्घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में 201 लोग बाईक दुर्घटना में मारे गए जिसमें अधिकतर लोगों ने हेलमेट नहीं पहनी थी. डुंगडुंग ने बच्चों से आह्वान किया उनकी उम्र अभी बाईक या स्कूटी चलाने की नहीं है और केवल वे ही नहीं बल्कि उनके मित्र, सगे संबंधी सबों को उम्र हो जाने पर स्कूटी, बाईक या चार पहिया वाहन चलाना चाहिए. जीव विज्ञान के नियमों को बतलाते हुए डुंगडुंग ने बताया कि 18 वर्ष से पहले मस्तिष्क का पूरा विकास कैसे नहीं हो पाता है और किषोर वय के बच्चों के मन में क्या-क्या चलता रहता है. डुंगडुंग ने प्राचार्य एम के सिन्हा के नेतृत्व की प्रषंसा करते हुए कहा कि सिन्हा बच्चों में यदि अभी से यातायात के प्रति जागरूकता की ज्योति जला दें तो बच्चे भविष्य में निष्चित रूप से मानवमात्र की जान बचाने में सफल होंगे.
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि जिला परिवहन अधिकारी, डीटीओ, संजीव कुमार ने भी वर्ग दस के बच्चों को परीक्षा में अच्छे परिणाम लाने और भविष्य उज्ज्वल बनाने की सलाह दी. उन्होंने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जहां भी जाएं, अपने माता-पिता, गुरुजन और विद्यालय द्वारा दी गई सीख को न भूलें तथा उनके आदर्षों का पालन करते रहें. कुमार ने बाद में बच्चों को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने किस प्रकार सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लिया है और न्यायालय द्वारा बनाए गए नियमों को लागू करना क्यों आवष्यक है.
डीटीओ ने बताया कि यदि निर्धारित उम्र से कम के बच्चे किसी भी प्रकार का वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो 25 वर्ष की उम्र तक उनका ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनेगा, पिता को 25,000 रुपये आर्थिक दंड भरना होगा साथ ही जेल में भी रहना होगा. उन्होंने बच्चों से कहा कि बच्चे अपने माता-पिता से बाईक चलाते समय हेलमेट पहनने तथा कार चलाते हुए सीट बेल्ट बांधने का अनुरोध करें. उन्होंने बताया कि कार ड्राइविंग में सीट बेल्ट न लगाने के क्या-क्या खतरे हो सकते हैं. कुमार ने ओवरलोडिंग भी न करने की सलाह दी.
बाद में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. जिसमें शुभारंभ, चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना, ढोल बाजे, रुक जाना नहीं जैसे गीतों पर नृत्य ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. मौके पर एस.के राणा, पषुपतिनाथ झा, काकोली दत्ता, प्रेमजीत सारंगी, राजेश सिंह, आराधना सिन्हा समेत वर्ग दस के सभी वर्ग षिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद थे.