रांची: झारखंड राज्य के पलामू प्रमंडल में अवस्थित लातेहार जिले के नेतरहाट में पहला राष्ट्रीय जनजातीय और लोक चित्रकला शिविर आज 10 फरवरी 2020 को शुरू हुआ. देश भर के कलाकार नेतरहाट की खूबसूरत घाटी में अपनी-अपनी लोक कलाओं का प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए हैं.
स्थानीय पाहन मुनमुन बिरजिया ने स्थानीय अनुष्ठान कर भगवान का आह्वान किया. तत्पश्चात वरिष्ठतम चित्रकार आशाराम मेघवाल ने कैनवस पर छोटे प्रतीकात्मक पारंपरिक स्केच डालने के बाद कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
इस मौके पर डॉ0 राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक रणेन्द्र कुमार ने कहा कि केरल से लेकर लद्दाख तक के आदिवासी और लोक चित्रकार इस कला शिविर में अपने चित्रों का प्रदर्शन करेंगे. पहली बार हो रहे कला चित्रकारों के समागम में विभिन्न राज्यों के जनजातीय और लोक चित्रों को एक नया आयाम देगा. यह आधुनिक चित्रकला की विभिन्न मौजूदा कला दीर्घाओं की तुलना में लोक चित्रकारों का अविश्वसनीय रूप से एकत्रीकरण है.
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार हो रहे आदिवासी और लोक चित्रकारों का इस प्रकार एक स्थल पर समागम ऐतिहासिक है, यह राज्य में पर्यटन को समृद्ध बनाने में मदद करेगा.
डॉ0राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के उप निर्देशक चिंटू दोराय बुरु ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय और लोक कला शिविर का का उद्देश्य सामाजिक विभाजन को समाप्त कर देश के जनजातीय और लोक चित्रकला को बढ़ावा देना है.
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी विशिष्ट संस्कृतियों को संरक्षित करना और उन्हें बढ़ावा देना है, ताकि उन्हें अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जा सके.
राष्ट्रीय आदिवासी और लोक चित्रकला शिविर में सोहराई, कोहबर, जादोपटिया और झारखंड के पेटकर शैली के चित्रकारों के साथ-साथ लद्दाख का थांगका, गुजरात पिथौरा, राजस्थान का फाड़, ओडिशा का शौर, हिमाचल के कांगड़ा और पहाड़ी, बंगाल के पट्टचरित्र, मधुबनी शैली की पेंटिंग, महाराष्ट्र में वर्ली, मध्य प्रदेश के गोंड, केरल में मुरली, तमिलनाडु में तंजौर, कर्नाटक में चित्तारा चित्रकारी के चित्र संबंधित कलाकारों द्वारा बनाई जाएगी.
मौके पर विकास सलाहकार देवजानी बोस ने कहा कि झारखंड सरकार पहले राष्ट्रीय जनजातीय और लोक कला शिविर की मेजबानी कर रही है. यह देश के सभी लोक कलाओं को एक साथ लाने और उनके लोक चित्रकला को विकसित करने में मदद करने वाला पहला कदम है।.
वहीं गुमला जिले के बिशनपुर ब्लॉक के प्रमुख ने कहा कि यह देखना अच्छा है कि हम झारखंड की पारंपरिक संस्कृति का पालन कर रहे हैं. हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हम हर अतिथि का हार्दिक भाव से स्वागत करने की पूरी कोशिश करेंगे.
कला शिविर का उद्घाटन डॉ0 रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निर्देशक रणेंद्र कुमार, चिंटू दारीबुरु, उप निदेशक डॉ0 रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान , विकास सलाहकार देवजानी बोस, जस्टिन इमाम, आनंद उप निर्देशक आईपीआरडी, की उपस्थिति में हुआ.