खूंटी: बिरसा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डोड़मा में 34 वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. छात्र-छात्राओं ने दुर्गा तांडव, जय हो जैसे गानों में प्रस्तुति देकर माहौल को भक्तिमय कर दिया. साथ ही सांस्कृतिक झूमर नाच से समृद्ध संस्कृति को विद्यार्थियों ने बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया. लोकप्रिय गायक लक्ष्मीकांत नारायण बड़ाईक और आचार्यों द्वारा नागपुरी गीत भी प्रस्तुत किए गए.
मुख्य अतिथि ब्रजमोहन मंडल ने अपने संबोधन में विद्यालय के संस्कारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिशु मंदिर में भारत की प्रगाढ़ संस्कृति को छात्रों के अंदर उतारा जाता है. उन्होंने कहा कि आज देशद्रोही देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं और हमारे संस्कार ही देश को जोड़ कर रख सकते हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक सौरव कुमार साहू ने कहा कि छात्रों में भारतीय संस्कृति का प्रभाव और संस्कार का होना अति आवश्यक है ताकि छात्र हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकें और क्षेत्र और देश का नाम रोशन करें.
विद्यालय में महाराणा प्रताप, बिरसा मुंडा, भगत सिंह जैसे भारत के वीर सपूतों के बारे में पढ़ाया जाता है. कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य परमानंद साह ने किया. प्रधानाचार्य बजरंग साहू की विशेष भूमिका रही. विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बृजमोहन कर, क्षेत्र के निरीक्षक सुभाष चंद्र दुबे, लक्ष्मीकांत नारायण बड़ाईक, आनंद कुमार मांझी, शालिग्राम मांझी सहित अन्य शिक्षक गण अभिभावक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे.