खास बातें:-
रांची के BIT मेसरा और संत जेवियर को भी B ग्रेड ही मिल पाया NAAC से
झारखंड के एकलौते करीम सिटी कॉलेज को NAAC से मिला है B+
NAAC के द्वारा वर्ष 2019 में दी गयी है सबसे ज्यादा कॉलेजों को ग्रेडिंग
NAAC की लिस्ट में भारत के 1473 कॉलेज और यूनिवर्सिटी में झारखंड से सिर्फ 21
Prem Anand
रांची: भारत का NAAC (National Assessment and Accreditation Council) राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, जो देश के सभी कॉलेजों को ग्रेडिंग प्रदान करता है. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का एक मात्र स्वायत्त संस्थान है, जो यह आकलन करता है कि किस कॉलेज की क्या स्थिति है ?
NAAC ने झारखंड के कॉलेजों को दिया ये ग्रेड
- करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर B+
- BIT मेसरा, रांची B
- XITE गम्हरिया, जमशेदपुर B
- वनांचल कॉलेज ऑफ झारखंड B
- ST. जेवियर कॉलेज, रांची B
- ABM कॉलेज, जमशेदपुर B
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड B
- राम नारायण मेमोरियल कॉलेज B
- महिला महाविद्यालय गोड्डा B
- भद्रकाली कॉलेज इटखोरी C
- भारत सेवा समाज महिला विद्यालय, धनबाद C
- बोकारो स्टील माइंस कॉलेज C
- जनजातीय संध्या डिग्री महाविद्यालय, अम्बेडकर नगर, जामताड़ा C
- झारखंड राय यूनिवर्सिटी C
- काशी शाहू कॉलेज झारखंड C
- MRS KMPM वोकेशनल कॉलेज झारखंड C
- सरिया कॉलेज, सूर्या झारखंड C
- सूरज सिंह मेमोरियल कॉलेज रांची C
- मजदूर किसान कॉलेज झारखंड C
- रामलखन सिंह यादव कॉलेज रांची C
देशभर में मात्र 0.8 फीसदी (12) कॉलेज/यूनिवर्सिटी को A++
- 4.4 फीसदी (65) को A+
- 8.8 फीसदी (129) को A
- 14.2 फीसदी (209) को B++
- 17.7 फीसदी (260) को B+
- 33.5 फीसदी (494) को B
- 19 फीसदी (280) को C
- और 1.6 फीसदी (24) को D ग्रेड मिले हैं.
क्या है ग्रेड और कैसे दिया जाता है?
NAAC के द्वारा अधिकतम A++ और न्यूनतम D ग्रेड दी जाती है. यह ग्रेड CGPA अंकों के आधार पर संस्था न कॉलेजों को मिलता जाता है, जिसमें 0 (शून्य) से 5 (पांच) तक अंक दिए जाते है. यह अंक NAAC के खास क्राइटेरिया, जिसे कॉलेज को पूरा करना होता है उसके आधार पर दिया जाता है. जो कॉलेज जितना ज्यादा क्राइटेरिया को पूरा करते हैं, उनको उतना अधिक अंक दिया जाता है.
कॉलेज को ग्रेड से क्या फायदा है
NAAC के द्वारा दी गई ग्रेडिंग को ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) मानता है. उसके आधार पर ही कॉलेज/विश्वविद्यालयों को अनुदान राशि प्रदान करता है. NAAC द्वारा बेहतर ग्रेडिंग मिलने पर कॉलेज और विश्वाविद्यालय को अधिक अनुदान राशि दी जाती है.