दिल्ली: घरेलू सहायिका से दुष्कर्म के दोषी को अपर एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय-2 निरंजन कुमार ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी को 50 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने को कहा है. वहीं, ऐसा नहीं करने पर दो वर्ष अतिरिक्त कारावास का आदेश दिया है. अर्थदंड से पीड़िता को 40 हजार रुपये प्रतिकर के रुप में दिए जाएंगे.
एडीजीसी हरीश सिसोदिया ने बताया कि 6 जुलाई 2016 को पीड़ित पिता ने नोएडा के सेक्टर-39 में पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि उनकी 15 साल की नाबालिग बेटी मूलरूप से खुर्जा देहात के गांव नगला निवासी वीरू के घर काम करती थी. पीड़िता आरोपी के बच्चों की देखरेख के अलावा घर का काम भी करती थी.
इसी दौरान आरोपी ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर लगभग छह माह तक दुष्कर्म किया. इससे पीड़िता गर्भवती हो गई. वहीं, अधिवक्ता का कहना है कि बाद में बच्चे की मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की. अदालत ने केस की सुनवाई की. गवाहों के बयान और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अदालत ने वीरू को दोषी मानते हुए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.