हैदराबाद : वाराणसी से इंदौर के बीच रविवार को शुरू हुई काशी महाकाल एक्सप्रेस में एक सीट को भगवान शिव के लिए आरक्षित करने और उसे मंदिर का रूप देने पर राजनीति शुरू हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
AIMIM चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताने की कोशिश की कि संविधान इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है. रेलवे का यह कदम ‘संविधान की आत्मा’ कही जाने वाली प्रस्तावना के खिलाफ है. ओवैसी ने ट्वीट कर पीएम मोदी को भारतीय संविधान के प्रस्तावना की याद दिलाई है.
ओवैसी ने इस ट्वीट के जरिए इशारों ही इशारों में ट्रेन की एक सीट को शिव मंदिर में बदलने पर आपत्ति जताई. एआईएमआईएम चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताने की कोशिश की कि संविधान इस बात की घोषणा करता है कि भारत एक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राष्ट्र है. रेलवे का यह कदम ‘संविधान की आत्मा’ कहे जाने वाले प्रस्तावना के खिलाफ है.
दरअसल, वाराणसी से इंदौर के बीच शुरू हुई काशी महाकाल एक्सप्रेस की एक सीट को मंदिर का रूप दे दिया गया है. मंदिर में शिव की मूर्ति लगाई गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने वाराणसी दौरे के दौरान इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. ट्रेन के कोच बी5 की सीट नंबर 64 को शिव का मंदिर बनाया गया है. यह ट्रेन 20 फरवरी से शुरू होगी.