डायमंड प्रिन्सेस क्रूज शिप पर फंसे कोरोना वायरस से संक्रमित यात्रियों के बीच जापान की सरकार ने 2,000 आईफोन बांटे हैं. बांटे गए सभी आईफोन में सोशल मीडिया एप लाइन को इंस्टॉल करके दिया गया है ताकि वे लोग मैसेजिंग के जरिए डॉक्टर से कोरोना से बचने के लिए सुझाव ले सकें.
मैकोटकारा की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय, निजी मामलों के मंत्रालय और आंतरिक मामलों के मंत्रालय और संचार मंत्रालय के सहयोग से, यात्रियों और चालक दल को 2,000 आईफोन प्रदान किए हैं.
आईफोन में पहले से ही लाइन एप इंस्टॉल किए गए है जिनकी मदद से यात्री जापान में चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बात कर सकेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक जहाज के चालक दल और यात्रियों दोनों के लिए हर केबिन में कम से कम एक आईफोन दिया गया है.
आईफोन ही क्यों दिया गया?
9to5Mac की रिपोर्ट के मुताबिक जापान से बाहर रजिस्टर्ड गूगल प्ले-स्टोर और एप स्टोर में शायद लाइन एप डाउनलोड करने का विकल्प शायद नहीं मिलता है. इससे पहले क्रूज के कई मेंबर ने बताया था कि आईफोन में लाइन एप को आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि एंड्रॉयड के साथ ऐसा नहीं है.
बता दें कि डायमंड प्रिन्सेस क्रूज शिप में करीब 3,700 यात्री हैं जिनमें से छह भारतीय हैं. जबकि जहाज पर 1100 क्रू मेंबर हैं, जिनमें से 132 भारतीय हैं. इनमें से 350 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. इस क्रूज में मौजूद भारत की सोनाली ठक्कर भी है, हालांकि ठक्कर के कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं होने की जानकारी के बाद उनके पिता दिनेश ठक्कर ने प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें (सोनाली को) भारत वापस लाने के लिए गुहार लगाई है.
उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा कि मैं भारत सरकार से प्रार्थना करता हूं कि मेरी बेटी को जहाज से वापस भारत लाया जाए. अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि वह कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं है. जापान सरकार अपनी ओर से बेहतर कदम उठा रही है. सभी भारतीय जो कोरोनावयरस से संक्रमित नहीं है, उन्हें वापस भारत लाना चाहिए.