रांची: झारखंड विकास मोर्चा के भारतीय जनता पार्टी में विलय के मौके पर झाविमो अध्यक्ष रहे बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वर्ष 2006 में उन्होंने अपना घर छोड़ा था, लेकिन किसी दूसरे घर में नहीं गये, 14 वर्षाे तक राज्य में छह से सात लाख किलोमीटर यात्रा कर लोगों की परेशानियों को समझा. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आज भाजपा में उनकी पुनर्वापसी हुई है, पार्टी जो भी उन्हें जिम्मेवारी देगी, चाहे वह झाड़ूलगाने का काम ही क्यों न हो, उस जिम्मेवारी को वे ईमानदारी पूर्वक निभाएंगे.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा में आज अचानक उनकी पुनर्वापसी नहीं हुई है, जिस दिन से उन्होंने घर छोड़ा, भाजपा नेता उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन जिद होती है, तो अपने आप को समझाना भी मुश्किल होता है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 2014 में जब वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों हार गये, तो कोलकाता में अपने एक मित्र के साथ बैठे, इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दूत ने उनसे मुलाकात कर राज्यसभा चुनाव के माध्यम से पार्टी में पुनर्वापसी का आग्रह किया. लेकिन तब चुनाव में हारने के कारण उन्होंने इस आग्रह को विनम्रता से ठुकरा दिया.
लेकिन इस बार ओम प्रकाश माथुर सूत्रधार बने और पार्टी में पुनर्वापसी हुई. इस बार भी उन्होंने अपनी इच्छा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर को बता दिया है और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को यह अवगत करा दिया है कि उनकी इच्छा क्या है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में आदिवासियों के मन में भाजपा को लेकर डर फैला दिया गया है, डर के इस भूत को भगाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए मौजूदा शासन में कानून व्यवस्था की चरमरा गयी. पार्टी संघर्ष के रास्ते सत्ता में पुनर्वापसी करेगी.