रांची: झारखंड के करीब 65 हजार से अधिक पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर है. पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार द्वारा बनायी जा रही नियमावली पर एतराज जताया है और एक बार फिर से आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का मन बनाया है.
राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में रविवार को पारा शिक्षक की बैठक हुई, जिसके बाद उनकी मांगों को लेकर हेमंत सरकार से हो रही बातचीत को तमाम पारा शिक्षकों को अवगत कराया गया. पारा शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में जो रघुवर सरकार की ओर से नियमावली बनाई गई थी उसी के आधार पर हेमंत सरकार भी नियमावली बना रही है, जिस पर पारा शिक्षकों को आपत्ति है.
पारा शिक्षक ने एक बार फिर आंदोलन का संकेत दिया है. पारा शिक्षकों का कहना है कि यह सरकार भी रघुवर सरकार की तर्ज पर चल रही है, लेकिन इस बार पारा शिक्षक किसी के भी बरगलाने से मानने वाले नहीं है. गौरतलब है कि रघुवर सरकार के दौरान पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था. पारा शिक्षकों ने उस दौरान रघुवर सरकार को समान काम के बदले समान वेतन और समायोजन की मांग को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर रघुवर सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करेगी तो इस सरकार को ही बदल दिया जाएगा और हुआ भी कुछ यूं ही. झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और कांग्रेस ने सरकार का गठन किया और और हेमंत सरकार से इन पारा शिक्षकों को उम्मीद भी जगी थी.