नई दिल्ली: सोनिया गांधी को नहीं बुलाए जाने के विरोध में कॉन्ग्रेस ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए डिनर का बायकॉट किया . बता दें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,कांग्रेस के नेता सांसद अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आज़ाद इन्हे ही इस डिनर में शामिल होने की न्योता दिया गया था.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सोमवार को राष्ट्रपति कार्यालय को फोन करके डिनर में शामिल न होने की जानकारी दी. इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता सांसद अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आज़ाद ने भी डिनर कार्यक्रम से किनारा कर लिया.
राष्ट्रपति भवन से कांग्रेस के इन्हीं 3 लोगों को न्योता दिया गया था. मनमोहन सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री के नाते निमंत्रण दिया गया था. सोनिया गांधी को नहीं बुलाए जाने के विरोध में कांग्रेस से जुड़े सभी नेताओं ने डिनर से बायकॉट का ऐलान किया है.
सूत्रों के मुताबिक, गुलाम नबी आज़ाद ने पहले डिनर में आने पर सहमति दी थी, लेकिन अब उन्होंने आने से मना कर दिया.बताते चले कि 2004 से लेकर 2014 के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा या फिर किसी भी विदेशी मेहमान के सम्मान में दिए गए डिनर में उस वक़्त के बीजेपी अध्यक्ष को नहीं बुलाया गया था.
बता दें कि उस दौरान राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी के हाथ में बीजेपी की कमान थी. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सोनिया गांधी को 2015 में ओबामा के डिनर में इसीलिए बुलाया गया था, क्योंकि उस समय प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति थे और उनका कांग्रेस से पुराना नाता था.
राष्ट्रपति किसी को भी आमंत्रित कर सकता है, लेकिन विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष को राष्ट्रपति के डिनर प्रोग्राम में नहीं बुलाने की परंपरा की शुरुआत भी कांग्रेस ने ही की थी, जिसे आज बीजेपी ने जारी रखा है.