उदयपुर: राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर चित्तौड़गढ़ नगर परिषद सीमा क्षेत्र में आ रही 292 लाइमस्टोन की खदानों को खान एवं भू विज्ञान विभाग ने बंद करवा दिया है. इन खदानों में तत्काल प्रभाव से उत्पादन रुकवाकर इसकी पालना रिपोर्ट तैयार करके भेजी गई है.
सर्वे जनरल ऑफ इण्डिया की रिपोर्ट पर दायर हुई प्रताप भानु सिंह शेखावत बनाम खान एवं भू विज्ञान विभाग और अन्य की याचिका की सुनवाई कर अधिकरण की प्रिंसिपल बैंच नई दिल्ली ने इन खदानों को बंद कराने के आदेश दिए हैं. इसकी पालना में निदेशालय ने आदेश जारी किए, जिस पर चित्तौड़गढ़ खनि अभियंता कार्यालय ने लाइमस्टोन के क्वारी लाइसेंस वाली 292 खदानों को बंद करवा दिया है. इसकी पालना रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेजी गई है.
उच्चाधिकारियों ने इन बंद कराई गई खदानों पर निगरानी रखने, तकनीकी स्टाफ द्वारा क्षेत्र का सतत दौरा और औचक निरीक्षण करने को कहा है. बताया गया कि याचिका में नगर परिषद सीमा में उक्त खदानों से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर आम जनता की समस्या अधिकरण के सामने उठाई गई, जिस पर इन खदानों को बंद कराने के आदेश दिए हैं.
पूर्व में एक अन्य याचिका के तहत एनजीटी ने चित्तौड़ से आगे बस्सी अभयारण्य क्षेत्र के 10 किमी की परिधि में 77 खदानें बंद कराने के आदेश दिए थे. एनजीटी ने चित्तौड़ नगर परिषद मामले की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि बस्सी क्षेत्र में तो खदानें बंद करा दी गई लेकिन चित्तौड़ नगर परिषद क्षेत्र की 292 खदानें चल रही हैं. इनको बंद करवाकर अतिरिक्त निदेशक इसकी पालना की स्टेट्स रिपोर्ट तथा हलफनामा पेश करें. इसके लिए अधिकरण ने 28 फरवरी की तारीख पेशी के लिए दी है.