गुजरात(राजकोट): इस बार रणजी ट्राफी में पहली बार निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का इस्तेमाल होगा. सौराष्ट्र और गुजरात के बीच रणजी ट्राफी सेमीफाइनल मैच के दौरान (डीआरएस) का उपयोग किया जाएगा. इसके तहत दोनो टीमों को प्रत्येक पारी में चार रेफरल दिए जाएंगे पर हॉक आई और अल्ट्रा ऐज जैसी तकनीकी सुविधाएं इसमें शामिल नहीं होंगी.
हॉक आई और अल्ट्रा ऐज अंतरराष्ट्रीय मैचों में उपयोग होने वाले डीआरएस के प्रमुख भाग हैं. सौराष्ट्र क्रिकेट संघ ने कहा, ‘रणजी ट्राफी में पहली बार अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को लागू किया जाएगा. रणजी ट्राफी 2019-20 के सेमीफाइनल और फाइनल मैचों में डीआरएस प्रणाली अपनाई जाएगी.’
पिछले सप्ताह बीसीसीआई के क्रिकेट महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा था कि रणजी ट्राफी के नाकआउट से नहीं बल्कि सेमीफाइनल के लिये डीआरएस के सीमित उपयोग की योजना हमेशा से थी. पिछले सत्र में रणजी में लिए गये कई फैसले विवादास्पद रहे थे. उसी के बाद से ही डीआरएस तकनीक को लाये जाने की बात कही जा रही थी.