पटना: मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बिहार विधानसभा में बजट पेश किया गया. उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य सरकार का 2.11 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया.
उन्होंने बताया कि यह 19,172 करोड़ रुपये के राजस्व अधिशेष वाला बजट है और इसमें सबसे अधिक 35,191 करोड़ रुपये का प्रावधान शिक्षा क्षेत्र के लिए किया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि इस बजट में 20,374 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को तीन प्रतिशत की सीमा के भीतर 2.81 प्रतिशत पर रखने में सफल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बजट में सड़क के लिए 17345 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के लिए 10,937.68 करोड़ रुपये तथा एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, ओबीसी और एमबीसी के कल्याण के लिए 11,911.38 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
राजद ने बताया बजट को दिशाहीन
उन्होंने कहा कि मार्च 2020 के अंत तक बिहार के सभी घरों में पाइपलाइन से पेयजल पहुंचने लगेगा, हर घर पक्की सड़क से जुड़ा होगा और जल निकासी की व्यवस्था होगी. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बजट को पूरी तरह दिशाहीन बताते हुए आरोप लगाया कि बजट में दूरदर्शिता का अभाव है, बिहार के सात करोड़ युवाओं को रोजगार देने की कोई योजना नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की गुणवता सुधारने तथा नियोजित शिक्षकों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.