जमशेदपुर :- तुरामडीह यूसिल माइंस के विस्तारीकरण के बाद विस्थापितों का जीना मुहाल हो गया है. जहां ओपन कास्ट माइनिंग का काम होने और बगैर सुरक्षा मानकों को पूरा किए ब्लास्टिंग से पूरे इलाके के लोगों में दहशत है. वैसे बांदुहुड़ांग ओपन कास्ट माइंस प्रोजेक्ट के तहत विस्थापित घोड़ांगा, आहरगुट्टू, डुगरीटोला, केरुवाडुंगरी, भुडरूडीह और तालसा के विस्थापितों ने इलाके की परेशानियों से जिले के उपायुक्त को अवगत करा दिया है.
इस संबंध में इन्होंने उपायुक्त को मांगपत्र सौंपकर कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उधर प्रभावित लोंगो ने कहा कि ओपन कास्ट माइंस के चल रहे निर्माण कार्य के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पूरा इलाका प्रदूषित हो गया है. ब्लास्टिंग के कारण बच्चे स्कूल जाने से घबराते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ब्लास्टिंग के दौरान जो कम्पन होती है उससे पूरा इलाका कांप उठता है और लोग भयाक्रांत हो उठते हैं.
इसके अलावा इन्होंने साफ कर दिया है कि यूसिल अगर विस्थापितों के पुनर्वास, रोजगार और सीएसआर के तहत किए गए वायदों को पूरा नहीं करती है तो आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा. आपको बता दें कि यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया भारत सरकार का एक उपक्रम है जो यहां यूरेनियम खनन का काम करती है, मगर पिछले कई सालों से विस्थापितों और माइनिंग प्रबंधन के साथ विवाद चल रहा है जो धीरे- धीरे उग्र हो रहा है.
वैसे अब ये देखना दिलचस्प होगा कि जिले के उपायुक्त इन ग्रामीणों की मदद में आगे आते हैं या ग्रामीण वाकई में आंदोलन को बाध्य हो जाते हैं. प्रदर्शन के दौरान विक्रम टूडू, बगावत मरांडी, राउठु सोरेन, भगवत टूडू, जीवन टूडू, संग्राम हासदा, आनंद मुर्मू, सुधीर हासदा, कालू टूडू, मंगल हेंब्रम, देबी हादसा, किशोर मुर्मू, डोमेन मुर्मू, दुला मुर्मू, दुलाल करमाकर के अलावा सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे.