रांची: राष्ट्र्पति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण की सबसे प्रभावी माध्यम हमारी बेटियां हैं. अधिकांश विश्वविद्यालयों में पदक प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक होती है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में भी पिछले 6 वर्षों में 96 पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 64 हैं जोकि बेटियों का प्रदर्शन बेटों से लगभग 2 गुना है. बेटियों का शानदार प्रदर्शन भविष्य के विकसित भारत की सुनहरी तस्वीर की एक झलक है.
राष्ट्र्पति कोविंद आज रांची के कांके के मनातू स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि बेटों की तुलना में बेटियों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उनकी यह उपलब्धि अधिक सराहनीय है. हालांकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनका योगदान कम है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय से पास करने वाले छात्र-छात्राओं को पदक प्रदान किया.
उन्होंने कहा इतने वर्षों के बाद विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह होने पर विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि ‘देर आए दुरुस्त आए’. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में देश के विभिन्न राज्यों से छात्र छात्राएं पढ़ने आते हैं. विदेशों के छात्र यहां पढ़ाई कर चुके हैं, जिनमें भूटान, यमन और मलेशिया के छात्र भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हाईएस्ट स्टैंडर्ड ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की आकांक्षा से आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड की लगभग 26% आबादी जनजाति है. प्रकृति के साथ जीवन का संतुलन बनाकर रहने और जीवन यापन करने की प्रेरणा खासकर युवा वर्ग, आदिवासी समाज से प्राप्त कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि ज्ञान से ही बुद्धि कौशल की प्राप्ति की जा सकती है. राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य इंसान को बेहतर बनाना है. अगर इंसान अच्छा होगा तो अच्छा पति और अच्छा पिता होगा और बेटी हुई तो अच्छी बेटी होगी और साथ ही, अच्छी पुत्रवधू साबित होगी.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा आसपास के 5 गांव को गोद लिए जाने और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा सामग्री देने और पढ़ाने की पहल की सराहना की.
राष्ट्रपति ने कहा कि साइंस डे के अवसर पर बेटियों के इस क्षेत्र में कम होने के कारणों पर चर्चा हुई. कुछ योजनाओं की घोषणा की गई. इसके लिए जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टिट्यूशन नामक योजना की शुरुआत की गई है.
राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं से जुड़ी साइंस एंड टेक्नोलॉजी से जोड़ी ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है. इस पोर्टल पर महिलाओं के हित में चल रही योजना, छात्रवृत्ति और कैरियर काउंसलिंग की जानकारी उपलब्ध है. इस अवसर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, वाइस चांसलर सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.