खास बातें:-
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कभी सड़क पर आंदोलन व कभी प्रर्दशन
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फिर से जेपीएससी पर सियासत शुरू
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छात्रों का भविष्य जलेबी की तरह उलझ कर रह गया है
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कभी भी पाक साफ नहीं निकला रिजल्ट
रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का विवादों से गहरा नाता है. कई सरकारें आई और गईं सभी को जेपीएससी विवाद से जूझना पड़ा. कभी सदन बाधित हुआ तो कभी सड़क पर आंदोलन व प्रर्दशन.
अब एक बार फिर से जेपीएससी पर सियासत शुरू हो गई है. अब राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने ट्वीट कर कहा है कि जेपीएससी में शुरूआत से ही गड़बड़ियां हुई हैं. उस समय शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की और प्रदीप यादव थे. अब वे दोनों सत्ता पक्ष में है.
सीएम हेमंत सोरेन से कहा है कि जब दोनों को कोर्ट-कचहरी से फुर्सत हो तो उनके अनुभव का लाभ लें. इस सियासत के कारण छात्रों का भविष्य जलेबी की तरह उलझ कर रह गया है.
कभी भी पाक साफ नहीं निकला रिजल्ट-
जेपीएससी का एक भी रिजल्ट पाक-साफ नहीं निकला. जेपीएससी देश का पहला ऐसा आयोग है, जिसके अध्यक्ष पद पर रहते ही कार्रवाई हुई. पहली सिविल सेवा, द्वितीय सिविल सेवा, व्याख्याता, बाजार पर्यवेक्षक, सहकारिता और जेट परीक्षा विवादों के घेरे में रही.
काफी हंगामे के बाद निगरानी जांच का आदेश दिया गया. द्वितीय सिविल सेवा से चयनित 166 अफसरों को कार्यमुक्त भी किया गया. प्रथम सीमित प्रतियोगिता परीक्षा रद्द करनी पड़ी. जेट परीक्षा का रिकॉर्ड भी गायब किया गया. इन सभी परीक्षाओं में अपने लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप है.
अफसरों- कर्मियों के वेतन पर सालाना खर्च 4.69 करोड़-
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जेपीएससी का बजट कुल 9 करोड़ 66 लाख 58 हजार रुपए का है. इसमें वेतन पर 4 करोड़ 68 लाख 92 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है. यही नहीं प्रिंटिंग और विज्ञापन पर 1.10 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान है. इसके बावजूद भी जेपीएससी विवादों से घिरा हुआ है. कानूनी सलाह लेने के लिए भी 30 लाख रुपए का प्रावधान है. इसके बावजूद जेपीएससी आरोपों और विवादों से जुदा नहीं है.
अब छठी जेपीएससी पर भी आंच-
छठी जेपीएससी पर भी अब आंच आ गई है. फिलहाल इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इसमें विवाद का मुख्य कारण पीटी में आरक्षण नहीं देना है. जबकि केंद्र और राज्य सरकार के नियुक्ति संबंधी दस्तावेज में सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया के यानि पीटी, मेंस और इंटरव्यू में आरक्षण देने का प्रावधान है.
जानकारी के अनुसार, जेपीएससी ने पहली से लेकर चौथीं सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण देने के नियमों का पालन किया. लेकिन पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा से सरकार बिना किसी मार्गदर्शन के आरक्षण देना बंद कर दिया.
ऐसे चली छठी जेपीएससी की प्रक्रिया-
• 18 दिसंबर 2016 को पीटी
• 23 फरवरी 2017 को पीटी का रिजल्ट, 5138 अभ्यर्थी पास
• 11 अगस्त 2017 को दूसरी बार पीटी का रिजल्ट जारी, 6103 अभ्यर्थी पास
• मुख्य परीक्षा के लिए 29 जनवरी 2018 की तारीख तय हुई
• 24 जनवरी 2018 को मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी गयी
• 8 फरवरी 2018 को सरकार के कैबिनेट में पास मार्क्स से रिजल्ट जारी करने का आदेश
• 18 मई 2018 को अभ्यर्थियों की याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज, मुख्य परीक्षा लेने का दिया आदेश
• 06 अगस्त 2018 को तीसरी बार पीटी का रिजल्ट जारी, 34,634 पास
• 28 जनवरी से 2 फरवरी 2019 तक मुख्य परीक्षा चली
326 पदों पर होनी है नियुक्ति-
• झारखंड प्रशासनिक सेवा : 143
• झारखंड वित्त सेवा : 104
• झारखंड शिक्षा सेवा : 36
• झारखंड सहकारिता सेवा : 09
• झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा : 03
• झारखंड सूचना सेवा : 07
• झारखंड पुलिस सेवा : 06
• झारखंड योजना सेवा : 18
• कुल पद : 326