नई दिल्ली: दिल्ली में हिंसा का दौर थम चुका है. अब कार्रवाई का दौर जारी है. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में अब तक 334 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं. इसके साथ ही अभी तक 33 लोगों को गिरफ्तार और 903 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
अफवाह फैलाने के मामले में 13 केस दर्ज किए गए हैं. आम्र्स एक्ट के 44 केस दर्ज किए गए. हिंसा की चपेट में आने से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी कई घायलों का इलाज चल रहा है. इसमें जीटीबी हॉस्पिटल में 38, लोक नायक हॉस्पिटल में 3, जग परवेश चंदर हॉस्पिटल में एक और राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में चार लोगों की मौत हुई है.
उधर, दिल्ली हिंसा की गूंज देश के बाहर भी सुनी जा रही है. लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर एक संगठन से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया और इस हिंसा के लिए गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया. साउथ एशिया सॉलिडरिटी ग्रुप नाम की संस्था ने लंदन में कहा कि इस हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए शाह को इस्तीफा देना चाहिए इन लोगों ने भड़काऊ भाषण देने के आरोपी भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की है.
प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटेन की सरकार से मांग की कि वह दिल्ली हिंसा के लिए मोदी सरकार की सख्त आलोचना करे. इन लोगों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को प्रायोजित किया.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शाह बतौर गृहमंत्री अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में फेल हुए हैं, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा समेत कई और नेताओं की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा है कि इनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए.