नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने देश को दहला देने वाले निर्भया कांड के गुनहगार पवन की मृत्युदंड को लेकर दायर क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) सोमवार को खारिज कर दी.
न्यायमूर्ति एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की संविधान पीठ ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी. पवन की ओर से वकील ए. पी. सिंह ने यह याचिका दायर की थी.
इस मामले के तीन अन्य गुनाहगारों की क्यूरिटिव पिटीशन और दया याचिकाएं पहले खारिज हो चुकी है. राजधानी के दक्षिण दिल्ली में निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था, और उसे सड़क पर फेंक दिया गया था. बाद में उसे सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था. वहां उसकी मौत हो गई थी.
इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक नाबालिग था, जिसे तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी. चार अन्य आरोपियों – मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी की सजा मिली थी.