रांची: मुख्यमंत्र हेमंत सोरेन ने विधानसभा में पेश बजट की सराहना करते हुए कहा कि सरकार के गरीबोन्मुखी प्राथमिकता और सोच को स्पष्ट करती है. बजट पेश होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 50 हजार रुपये तक का कृषि ऋण लेने वाले किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले चरण में 50 हजार रुपये तक कृषि ऋण माफ किये जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 75 प्रतिशत की आबादी कृषि और संबंधित प्रक्षेत्र पर निर्भर है. इस प्रक्षेत्र से जुड़े लोगों की बेहतरी और ऋण के बोझ से दबे किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए बजट में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि शासन के रथ को झोपड़ियों की ओर मोड़ दिया गया है. कोई गरीब भूखा नहीं रहे, कोई लाईलाज न मरे, किसी गरीब का बच्चा अब बकरी न चराये, वो स्कूल जाए, हर इंसान को रहने के लिए एक छत हो और शरीर पर वस्त्र हो, यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि किसानों को खुशहाल बनाने और युवाओं के अरमानों को पंख देने के लिए इस बजट में कुछ कदम उठाये गये हैं. यह इस मायने में एक क्रांतिकारी बजट है कि इसके केंद्र में गरीब, किसान और राज्य का रोजगार युवा है. अभी तक इस राज्य में कुछ भी हुआ, वह लोक लाज से हटकर हुआ है. जिस राज्य में बेरोजगारों की बड़ी फौज हो, वहां 400 करोड़ रुपये का विधानसभा, 600 करोड़ का होईकोर्ट भवन, 1700 करोड़ का सचिवालय बनें, ये बातें सही नहीं लगती है.
उन्होंने बजट की मुख्य योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हर जाति, धर्म के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी. 100 यूनिट तक बिजली खपत के लिए किसी को कोई बिल नहीं देना होगा. सभी जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 377 दाल-भात केंद्र, बेरोजगार स्नातक को 5000 और बेरोजगार स्नोतकोत्तर को 7000 रुपये प्रतिवर्ष सहयोग राशि मिलेगी.
उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारी भत्ता को ही रोजगार नहीं मान लेना चाहिए, सरकार सभी युवाओं को काम देने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि जिला स्कूलों को उच्चस्तरीय विद्यालय के रूप में विकसित किये जाएंगे और हर पंचायत में पांच चापाकल लगाने या कुंआ बनाने का लक्ष्य है, ताकि ग्रामीणों को सुलभता से पानी मिल सके.