रांची: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार का बजट युवा, किसान, महिला, गरीबों के साथ धोखा है. बड़े बड़े वादे करके सत्ता में आयी सरकार ने इनकी उपेक्षा की है. किसानों को सबल बनाने की योजना को बंद कर अपना किसान विरोधी चेहरा ही स्पष्ट किया है. किसानों को ऋण माफी के नाम पर भी धोखा दिया जा रहा है. युवाओं को जो सपने दिखाए गए थे उन्हें पूरा करने का कोई रोड़ मैप नहीं है.
बजट में 5-7 हजार रुपये मात्र सालाना बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की गई है. यह युवाओं के साथ भद्दा मजाक नहीं है तो क्या है? बजट बनाने से पहले झामुमो को खुद के घोषणा पत्र को ध्यान से पढ़ना चाहिए था.
झामुमो ने गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये का देने का वादा किया था, लेकिन इसपर बजट में कोई चर्चा नहीं है. गरीब बिटिया की शादी में सोने का सिक्का और गृहस्थी के लिए जरूरी सामानों देने का वादा भी झामुमो ने किया था, लेकिन उस पर भी इस बजट में कुछ नहीं है. यहां भी गरीबों के साथ मजाक किया गया है. सरकार बनने के दो माह के भीतर ही राज्य सरकार को यह बात समझ में आ गई है कि झूठे वादे करना और सरकार चलाना दोनों अलग-अलग चीजें हैं. बड़े बड़े वादे करना आसान है, उन्हें पूरा करना नहीं.
वहीं दूसरी ओर हमारी सरकार की योजनाओं को नया नाम देकर चलाया जा रहा है. कल पेश श्वेत पत्र में भी हमारी जनहित योजनाओं को फिजूलखर्ची बताया गया, लेकिन आज बजट में हमारी अधिकतर योजनाओं को सही मानते हुए जारी रखा है. योजना गलत थी तो एक रुपये में रजिस्ट्री, पेट्रोलियम पदार्थों में दी गयी छूट जैसी योजनाओं को वापस लेने की हिम्मत दिखती सरकार. कुल मिलाकर यह जनता के जनादेश के अनुरूप यह बजट नहीं है. गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 2000 रुपये चूल्हा खर्च के रूप में देने की भी घोषणा की गई थी, पता नहीं उसका क्या हुआ.