रांची: अज्ञात स्रोतों से आय होने पर आम आदमी हलकान हो जाता है. उसपर सरकार शिकंजा कस देती है. सूचना मिलने पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई होती है. उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है. हालांकि अज्ञात स्रोतों की आय से देश की राजनीतिक पार्टियां मालामाल हो रही हैं. बीते डेढ़ दशक में राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से करीब 11 हजार करोड़ से अधिक की आय हुई है. महज एक साल में भारतीय जनता पार्टी को 16 सौ करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं. यह जानकारी राष्ट्रीय दलों ने चुनाव आयोग को दी है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने तथ्यों के अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.
एडीआर के अवलोकन में यह तथ्य उभरे हैं कि वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2018-19 के बीच सभी राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्त्रोतों से 11,234.12 करोड़ की आय हुई. वर्ष 2017-18 के लिए माकपा की ऑडिट रिपोर्ट में आय के स्त्रोतों के सलंग्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होने की वजह से पार्टी को विश्लेषण में नहीं जोड़ा गया था.
सबसे अधिक 64% भाजपा को मिले
वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान भाजपा ने अज्ञात स्रोतों से 1,612.04 करोड़ रुपये की आय घोषित की है, जो सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित अज्ञात राशि (2,512.98 करोड़ रुपये) का 64% है. भाजपा द्वारा घोषित अज्ञात स्रोतों की कुल आय पांच राष्ट्रीय दलों (900.94 करोड़ रुपये) के कुल अज्ञात आय से 1.5 गुना अधिक है.
राष्ट्रीय दलों को रु 71.44 लाख की मिली दान राशि
कांग्रेस ने अज्ञात स्रोतों से कुल 728.88 रुपये करोड़ प्राप्त किया है, जो सभी राष्ट्रीय दलों के कुल अज्ञात स्रोतों की आय का 29% है.
दलों द्वारा अज्ञात स्रोतों से एकत्रित 2512.98 करोड़ रुपये की आय में से 1960.68 करोड़ रुपये यानी 78% की आय चुनावी बांड से घोषित किया है.
वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2018-19 के बीच कांग्रेस और एनसीपी ने 3,902.63 करोड़ रुपये की आय कूपन की बिक्री से अर्जित की हैं.
दान रिपोर्ट (रु 20,000 से अधिक के दान, वित्तीय वर्ष- 2018-19) के अनुसार सभी राष्ट्रीय दलों को नकद के माध्यम से रु 71.44 लाख की दान राशि मिली है.
20,000 रुपये से कम दान का विवरण ना ऑडिट रिपोर्ट में और ना ही दान रिपोर्ट में
राजनीतिक दलों को दानदाताओं का विवरण चुनाव आयोग को वार्षिक जमा करना जरूरी है. दान रिपोर्ट में दलों को दान देने वाले दानदाता का नाम, पता, PAN, राशि, और भुगतान का माध्यम आदि जानकारी देनी होती है. यह दलों के आय का एकमात्र ज्ञात स्त्रोत है.
अज्ञात स्रोतों की जानकारी दलों द्वारा घोषित आयकर विवरण से लिया जाता है. 20,000 रुपये से कम दान का विवरण ना ऑडिट रिपोर्ट में और ना ही दान रिपोर्ट में सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है. इन दोनों को अज्ञात स्रोत माना जाता है.
अज्ञात स्रोतों में चुनावी बांड द्वारा प्राप्त दान, सेल ऑफ कूपन, रिलीफ फंड्स, मिसलेनियस आय, बोलंटरी कंट्रिब्यूशन्स, कंट्रिब्यूशन्स फ्रॉम, मीटिंग/मोर्चा आदि हैं. ऐसे योगदान देने वाले दानदाताओं का ब्यौरा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है.
राजनीतिक दलों की आय के अन्य ज्ञात स्रोतों में चल और अचल संपत्ति, पुराने अखबार, सदस्यता शुल्क, डेलिगेट फी, बैंक ब्याज, सेल ऑफ पब्लिकेशन्स और लेवी आदि विवरण की जानकारी दलों के बही खातों में किया होता है.
वित्तीय वर्ष 2018-19 में 7 राष्ट्रीय दलों की कुल आय रु 3,749.37 करोड़ रुपये थी.
ज्ञात स्रोत से राष्ट्रीय दलों की आय में से 25.38% यानी 951.66 करोड़ रुपये थी.
राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 7.59% यानी 284.73 करोड़ रुपये की राशि अन्य ज्ञात स्त्रोतों (अचल संपत्ति, ओल्ड न्यूजपेपर्स, सदस्यता शुल्क, डेलिगेट फी, बैंक ब्याज, सेल ऑफ पब्लिकेशंस और लेवी आदि) से प्राप्त हुई.
अज्ञात स्रोतों (आय का विवरण है, लेकिन स्रोत का नहीं) से राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को आय का 67.02% यानी 2,512.98 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है.
दलों द्वारा अज्ञात स्रोतों से एकत्रित 2,512.98 करोड़ रुपये की आय में 1,960.68 करोड़ रुपये यानी 78% की आय चुनावी बॉन्ड से घोषित की गयी है.
राष्ट्रीय दलों की अज्ञात स्रोतों से आय
6 राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से रु 2,512.98 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 78.02 % ( 1,960.68 करोड़) का दान चुनावी बॉन्ड से मिला है.
कांग्रेस, एनसीपी और सीपीएम ने ही 13.10% (329.10 करोड़ रुपये) की राशि कूपन की बिक्री से अर्जित की है, जबकि स्वैच्छिक योगदान (20,000 रुपये से कम की राशि) के माध्यम से दलों की आय 8.65% (217.41 करोड़ रुपये) है.