जमशेदपुर: सोनारी स्थित भारत सेवाश्रम संघ की ओर से संचालित प्रणव चिल्ड्रन वर्ल्ड सीनियर सेकेंडरी इंग्लिश मीडियम स्कूल पर अभिवंचित वर्ग के बच्चों के अभिभावकों ने फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि स्कूल के प्राइमरी कक्षा के लिए जिले के उपायुक्त ने 14 अभिवंचित वर्ग के लाभुकों के बच्चों का नामांकन लेने का निर्देश दिया था हालांकि शुरुआत में स्कूल प्रबंधन ने सभी 14 बच्चों का नामांकन ले लिया, जिन्हें एक तारीख से रेगुलर क्लास के लिए बुलाया गया, लेकिन बुधवार को स्कूल प्रबंधन की ओर से सभी बच्चों के अभिभावकों को पुनः स्कूल बुलाया गया और लॉटरी सिस्टम के माध्यम से नामांकन लेने की बात कही गई.
अचानक स्कूल प्रशासन की पैंतरेबाजी को गरीब और अभिवंचित अभिभावक समझ नहीं सके. जहां आज लॉटरी में केवल 10 छात्रों का ही नामांकन लिया गया जबकि 4 बच्चों के अभिभावकों को मायूसी हाथ लगी. जरा सोचिए.. वैसे बच्चों के अभिभावकों पर क्या गुजर रही होगी. जिनके बच्चों का पहले नामांकन ले लिया गया और बाद में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिन चार बच्चों का नामांकन नहीं लिया जा सका वे सभी बच्चियां हैं यानि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को स्कूल प्रबंधन मिथ्या सनक के कारण कहीं ना कहीं नजरअंदाज कर रही है.
बच्चों के अभिभावक ने गेट के बाहर ही रोना-धोना शुरू कर दिया. उन लोगों का कहना है बच्चे का एडमिशन हो जाने के दौरान उन्होंने स्कूल का ड्रेस तक खरीद लिया. अभिभावक का कहना है कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है और यहां चारों बेटी को स्कूल प्रबंधन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
इस पर स्कूल प्रबंधन से भी हमने बात करने का प्रयास किया. उन्होंने पिछले एडमिशन को एक भूल बताया. लेकिन जब बच्चों के भविष्य का हवाला दिया गया तो उन्होंने आरटीआई कानून का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया.
बहरहाल बच्चों को बेहतर भविष्य देने का दंभ भरने वाले भारत सेवाश्रम संघ संस्था के माथे पर अभिवंचित वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लग गया है. ऐसे में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की क्या भूमिका होती है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.