रांची: भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए झारखंड से प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को उम्मीदवार बनाये जाने का निर्णय लिया है. हालांकि टिकट की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय भी शामिल थे, लेकिन चुनाव में जीत के लिए आजसू पार्टी के सहयोग को महत्वपूर्ण मानते हुए भाजपा नेतृत्व ने सावधानी बरतते हुए दीपक प्रकाश का चुनाव किया. क्योंकि आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो और रघुवर दास के बीच पूर्व से छत्तीस के आंकड़े को देखते हुए भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. आजसू पार्टी की ओर से यह कहा गया था कि भाजपा उम्मीदवार को देखने के बाद ही पार्टी राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने पर निर्णय लेगी.
झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है. ये दोनों सीटें राजद के प्रेम गुप्ता और निर्दलीय परिमल नथवाणी का कार्यकाल समाप्त होने के रिक्त हो रही है। दोनों का कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा हो रहा है. 81सदस्यीय झारखंड विधानसभा में मौजूदा अंकगणित के अनुसार झामुमो के अधिकृत प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत तय मानी जा रही है, वहीं यूपीए ने दूसरी सीट से भी उम्मीदवार देने का निर्णय लिया है. जबकि भाजपा ने दीपक प्रकाश को उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा कर दी है.
यूपीए के दूसरे प्रत्याशी उम्मीदवार के लिए तीन -चार विधायकों की जरूरत होगी, वहीं भाजपा उम्मीदवार को भी आजसू पार्टी के अलावा दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. विधानसभा में अभी झामुमो के 29, कांग्रेस के 16, झाविमो से कांग्रेस में आये 2, राजद के 1 विधायकों के अलावा राकांपा के 1 तथा भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह का समर्थन मिलने की उम्मीद है. वहीं यूपीए की कोशिश है कि निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव के साथ आजसू पार्टी के दो विधायकों का भी समर्थन मिले. दूसरी तरफ भाजपा के 25 विधायक है और बाबूलाल मरांडी के पार्टी में शामिल हो जाने के कारण यह संख्या बढ़ कर 26 हो गयी है. फिलहाल आजसू पार्टी के अलावा दोनों निर्दलीय विधायकों ने अपना पत्ता नहीं खोला है. जबकि माले विधायक ने यह साफ कर दिया है कि किसी कीमत पर भाजपा प्रत्याशी को उनका समर्थन नहीं मिलेगा. हालांकि राकांपा विधायक कमलेश कुमार सिंह का दीपक प्रकाश से पुराना व्यक्तिगत संबंध है, इस कारण यूपीए में शामिल राकांपा का समर्थन दीपक प्रकाश को मिल सकता है.