खास बातें:-
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बाबूलाल बोले, अब नेता प्रतिपक्ष की मांग सदन में नहीं उठेगी, निर्णय लें
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स्पीकर बोले, विधि से राय लेने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा
रांचीः बजट सत्र के सातवें दिन गुरुवार को सदन में जेपीएससी और डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में बिजली कटौती की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इन दोनों मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू हो गया. दिन के 11 बजकर 10 मिनट में बीजेपी विधायक वेल में घुस गए.
बीजेपी विधायक विरंची नारायण ने कहा कि बिजली का गंभीर संकट है. डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में स्थिति विस्फोटक है. मोबाइल भी रिर्चाज नहीं हो पा रहा है. इस पर कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि पूर्व सरकार के द्वारा डीवीसी को पैसा नहीं दिया गया. इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस मामले में सरकार पूरी तरह से गंभीर है. जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा.
बिना कैप्टन टीम कैसे खेलेगी
बीजेपी विधायक अमित मंडल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बिना सदन कैसे चलेगा. बिना कैप्टन टीम कैसे खेलेगी. अब तो आयोग का आदेश आ गया है, इस पर निर्णय लें.
स्पीकर से कहा कि अब गेंद आपके पाले में है. बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर से कहा कि आपका अधिकार है. 17 फरवरी को झाविमो का बीजेपी में विधिवत विलय हो गया. इसकी सूचना आयोग को भी दी गई. छह मार्च को आयोग ने भी विलय की स्वीकृति दे दी. आप तक सूचना आ ही गई. सत्ता और विपक्ष में कई नये विधायक चुनकर आए हैं. क्या संदेश जा रहा है. सदन नहीं चलने से वे सवाल रखने से वंचित हो गए हैं. सरकार व आपकी जिम्मेवारी है कि सदन चले. अब नेता प्रतिपक्ष की मांग नहीं उठेगी. क्षेत्रीय समस्याओं पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए.
विधि से राय लेने पर ही निर्णयः स्पीकर
स्पीकर ने कहा कि किंतु-परंतु वास्तविकता से परे है. विधि से राय लेने पर निर्णय लिया जाएगा. विधि से राय लेने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, समय दें. इसके बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिजली कटौती के साथ लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम की घटनाओं पर चर्चा होनी चाहिए. विपक्ष अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर कभी मांग नहीं करेगा. निर्णय लें.