खास बातें:-
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टीवीएनएल में वित्तीय संकट, वितरण निगम के पास 4000 करोड़ का बकाया
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डीवीसी के पास वितरण निगम का 5000 करोड़ रुपए बकाया
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सात जिलों में डीवीसी रोजाना 600 मेगावाट आपूर्ति करता है बिजली
रांचीः अब झारखंड में बिजली के लिए हाहाकार मचेगा. राज्य गठन के 20 साल हो गए. कई सरकारें आईं और गईं. सभी ने 24 घंटे बिजली देने का वादा किया, साथ ही पावर हब बनाने की बात कही, लेकिन अब तक राज्य में एक मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं हो सका. आज भी झारखंड बिजली के लिए दूसरे राज्यों पर ही निर्भर है.
राज्य में तीन अल्ट्रामेगावाट पावर प्लांट के निर्माण में अब तक पेंच फंसा हुआ है. दो साल से एक ईंच भी गाड़ी आगे नहीं बढ़ी है. रिलायंस के पीछे हटने के बाद तिलैया अल्ट्रा मेगा पावर प्वांट की स्थिति वहीं की वहीं है.
टीवीएनएल के विस्तारीकरण को कैबिनेट से स्वीकृति लगभग दो साल पहले मिली. काम एक ईंच भी आगे नहीं बढ़ा. देवघर अल्ट्रा मेगावाट पावर प्लांट के लिये जमीन अधिग्रहण ही नहीं हुआ. इन तीनों पावर प्लांट में लगभग 56 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जाना है. लेकिन अब तक एक कौड़ी भी निवेश नहीं हो पाया है. फिलहाल पतरातू प्लांट का काम तो शरू हो गया है, लेकिन इसमें भी 36 से 42 माह का समय लगेगा.
डीवीसी के अल्टीमेटम के बाद भी सरकार ने नहीं की कार्रवाई
डीवीसी ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि 25 फरवरी से बिजली की सप्लाई बंद कर सकता है. अल्टीमेटम में कहा गया था कि बकाये का भुगतान नहीं कर बिजली वितरण निगम ने पावर परचेज एग्रिमेंट (पीपीए) का उल्लंघन किया है और निगम इसके भुगतान में फेल हुआ है.
डीवीसी के चीफ इंजीनियर (कामर्शियल) की ओर से बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर (कामर्शियल एंड रेवेन्यू) को दी गई नोटिस में उल्लेख किया गया है कि बकाये का भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी हो रही है, लिहाजा डीवीसी आपूर्ति चालू रखने में असमर्थ है.
पत्र के मुताबिक, डीवीसी रोजाना 600 मेगावाट की आपूर्ति झारखंड को करता है. नोटिस जारी करने की तिथि 10 फरवरी है और 15 दिन के भीतर बकाये का भुगतान करने की मियाद तय की गई है. अगर इस दौरान भुगतान हुआ तो आपूर्ति नियमित रहेगी, वरना 25 फरवरी की रात 12 बजे से डीवीसी झारखंड को बिजली की सप्लाई बंद कर देगा. इसके बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया.
टीवीएनएल में वित्तीय संकट
राज्य के एकमात्र थर्मल पावर प्लांट टीवीएनएल (तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड) में वित्तीय संकट गहरा गया है. यह सब बिजली वितरण निगम के बकाये को लेकर हुआ है. वितरण निगम के पास टीवीएनएल का बकाया बढ़कर लगभग 4000 करोड़ रुपये हो गया है.
अब टीवीएनएल प्रबंधन के पास कोयला खरीदने के लिये पूरा पैसा जुगाड़ नहीं हो पा रहा है. एक दिन में दोनों यूनिटों को चलाने के लिये 7000 टन कोयले की जरूरत होती है. हर महीने 32 करोड़ का कोयला खरीदा जाता है. वहीं टीवीएनएल के अफसरों- कर्मियों को भी वेतन देने में लगभग छह करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
झारखंड में 2500 मेगावाट बिजली की कमी
झारखंड में 2500 मेगावाट बिजली की कमी है. खुद ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 2019 में 5696 मेगावाट बिजली की जरूरत है. जबकि राज्य के पांचों लाइसेंसी लगभग 3255 मेगावाट ही बिजली की आपूर्ति करते है.
डीवीसी 946, जुस्को 43, टाटा स्टील 435, सेल बोकारो 21 और बिजली वितरण निगम 1200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करते हैं. इसके अलावा अन्य स्त्रोतों से भी बिजली ली जाती है.
बिजली खरीद में 40 करोड़ की वृद्धि
प्रदेश की बिजली व्यवस्था निजी और सेंट्रल सेक्टर पर टिकी हुई है. निजी और सेंट्रल सेक्टर से हर दिन औसतन 660 मेगावाट बिजली ली जाती है. पिछले दो साल में बिजली खरीद में 40 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
दो साल पहले हर महीना करीब 360 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जाती थी. अब हर माह लगभग 400 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जा रही है. बरसात को छोड़कर दूसरे मौसम में सिकिदिरी हाइडल केवल पीक ऑवर में चलता है. फिलहाल इसकी दोनों यूनिट से 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. प्रति यूनिट बिजली उत्पादन में 58 पैसा खर्च आ रहा है.
क्या है टीवीएनएल की फैक्ट फाइल
- टीवीएनएल की दोनों यूनिटों को चलाने के लिये हर माह 1.5 लाख टन कोयले की है जरूरत
- एक दिन में 7000 टन होती है कोयले की जरूरत
- टीवीएनएल हर महीने खरीदता है 32 करोड़ का कोयला
- एक यूनिट बिजली उत्पादन में 700 से 800 ग्राम कोयले की जरूरत
- बिजली उत्पादन के लिए जेड-8 और जेड-9 श्रेणी के कोयले का होता है उपयोग
- एक यूनिट बिजली उत्पादन में 3.50 रुपये प्रति यूनिट आता है खर्च
- एक माह में 20 करोड़ की बिजली का होता है उत्पादन
- प्रति माह डीजल में 3.5 करोड़ खर्च
- मेंटेनेंस में दो से ढ़ाई करोड़ खर्च
- कर्मचारियों-अधिकारियों के वेतन में हर माह लगभग छह करोड़ खर्च
- बिजली वितरण निगम हर दिन टीवीएनएल से लगभग ढ़ाई करोड़ की खरीदता है बिजली
- किस कंपनी से कितने करोड़ की बिजली प्रतिमाह
- एनटीपीसी- 70 करोड़
- एनएचपीसी- 70 करोड़
- टीवीएनएल- 70 करोड़
- आधुनिक- 20 करोड़
- इंलैंड पावर- 13 करोड़