रांची: कांग्रेस की यह प्रवृत्ति रही है कि वह विकास योजनाओं को रोकने का काम करती है, उस पर ब्रेक लगाती है. जबकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विकास योजनाओं को नई गति प्रदान की है.
उक्त बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने लोकसभा क्षेत्र में चर्चा के दौरान कही. सांसद सेठ रांची लोकसभा क्षेत्र में रेलवे के द्वारा किए का जा रहे कार्यों को लेकर अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि रांची लोकसभा क्षेत्र के टोरी लोहरदगा रेलवे लाइन का शिलान्यास तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने किया था परंतु दुर्भाग्य से उसके बाद 10 सालों तक कांग्रेस की सरकार रही और इस दौरान उस रेलवे लाइन पर कोई काम नहीं हुआ. फिर से भाजपा की सरकार आई तो उस पर काम शुरू हुआ और आज उस रूट पर ट्रेन चलने की दिशा में सरकार काम कर रही है.
उन्होंने सरकार से इस बात की मांग की कि लोहरदगा पिस्का टोरी रेलवे लाइन होकर रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को सप्ताह में 3 दिन चलाया जाए. इससे यात्रियों का 3 घंटे का समय बचेगा और रेलवे के खर्च में भी कमी होगी. इसके साथ ही उन्होंने रांची लोकसभा के ही आदिम जनजाति क्षेत्र सौदाग में 1965 से लंबित पड़े ओवर ब्रिज की मांग पर भी मोदी सरकार द्वारा त्वरित एक्शन लिए जाने की प्रशंसा की.
सेठ ने कहा कि तकरीबन 50 वर्षों से लंबित उक्त मार्ग पर अब कार्रवाई हो रही है. अंडर ब्रिज का टेंडर हो गया है और शीघ्र ही उस पर काम शुरू होने वाला है. सेठ ने मुरी रेलवे स्टेशन पर रांची- नई दिल्ली गरीब रथ के ठहराव के लिए रेलवे मंत्रालय को धन्यवाद कहा है. चांडिल औद्योगिक क्षेत्र में ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने और बाईपास सड़क निर्माण का कार्य शुरू होने को लेकर भी सेठ ने रेल मंत्री और केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया.
सेठ ने कहा कि झारखंड रेलवे को 25 हजार करोड़ रुपए का राजस्व देता है. जबकि इस अनुपात में झारखंड को सुविधाएं बहुत कम मिली हैं. उन्होंने रेल मंत्रालय से यह मांग की कि झारखंड को अलग रेलवे जोन बनाया जाए और फिर पूरे राज्य के रेलवे के लोगों को सुविधाएं दी जाए. सेठ ने पूरे देश के रेलवे स्टेशनों पर तिरंगा झंडा लहराए जाने को लेकर भी केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया.
उन्होंने कहा कि झारखंड की बंद पड़ी कोयला खदानों में लाखों क्यूसेक लीटर पानी पड़ा हुआ है, जिसका उपयोग हम पेयजल व अन्य कार्यों के लिए कर सकते हैं. उन्होंने इस बात की मांग की कि कोल इंडिया से समन्वय स्थापित कर यहां रेल नीर का प्लांट लगाया जाए और इस पानी का सदुपयोग किया जाए. ऐसा करने से पेयजल की समस्या का बड़े पैमाने पर निराकरण हो सकता है.
सेठ ने सदन में ही यह मांग रखी कि रांची शहर के बीचों बीच स्थित चुटिया केतारी बागान व कृष्णापुरी में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाए क्योंकि रेलवे फाटक के कारण प्रतिदिन लाखों की आबादी इस जाम में फंसती है. इस जाम के कारण लोगों का आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. यह जानकारी सांसद प्रेस प्रतिनिधि संजय पोद्दार ने दी