नई दिल्ली: डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़े फ्रॉड पर रोक लगाने के लिए रिजर्व बैंक के नए नियम 16 मार्च (सोमवार) से लागू हो जाएंगे. इन नियमों से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
आरबीआई ने इस संबंध में जनवरी 2020 में अधिसूचना जारी की थी. ये नियम सभी डेबिट-क्रेडिट कार्ड (फिजिकल और वर्चुअल) पर लागू होंगे.
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हालांकि, यह नए नियम प्रीपेड गिफ्ट कार्ड्स और मेट्रो कार्ड पर लागू नहीं होंगे. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी/फिरसे जारी करते समय उन्हें केवल भारत में एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल्स पर ट्रांजेक्शन के लिए सक्रिय करें.
नए नियम के अनुसार, केवल अब डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ सिर्फ एटीएम और पीओएस टर्मिनल पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी.
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अगर ग्राहक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, कॉन्टेक्टलेस ट्रांजेक्शन या इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन करना चाहते हैं तो इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इन सेवाओं को चालू कराना होगा.
बता दें कि पुराने नियमों के अनुसार ये सेवाएं कार्ड के साथ स्वत: आती थी लेकिन अब ग्राहक के आग्रह पर ही शुरू होंगी.
अगर आप डेबिट-क्रेडिट कार्ड ग्राहक हैं और आपने अभी तक अपने कार्ड से कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, कॉन्टेक्टलेस ट्रांजेक्शन या इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो कार्ड पर ये सेवाएं 16 मार्च से अपने आप बंद हो जाएंगी.
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वे मोबाइल एप्लीकेशन, लिमिट मोडिफाई करने के लिए नेट बैंकिंग विकल्प और इनेबल व डिसेबल सेवा सप्ताह के सातों दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध करवाएं.
ग्राहक अगर अपने कार्ड के स्टेटस में कोई बदलाव करते हैं या कोई अन्य करने की कोशिश करता है तो बैंक एसएमएस/ई-मेल के जरिए ग्राहक को अलर्ट करेगा और सूचना भेजेगा.