रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन बुधवार को पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग में घोटाले का मामला सदन में जोर-शोर से उठा.
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से रघुवर दास को पराजित करने वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में पथ निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री बादल ने कहा कि सरकार ने पूर्व में ही यह स्पष्ट कर दिया है कि बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन पक्ष-विपक्ष के सदस्यों का सुझाव है, तो पूरे मामले की जांच विधानसभा की विशेष समिति से करा ली जाए, सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.
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मंत्री बादल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर की कंपनी अग्रवाल ग्लोबल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को हंटरगंज-पांडेपुर-प्रतापपुर पथ के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए 79.33 करोड़ रुपये की लागत से मार्च 2017 में निविदा आवंटित हुआ. यह आवंटन नियम और शर्तों को पूरा करने के कारण हुआ.
उन्होंने कहा कि यह मामला नई कंपनी को कार्य आवंटन करने का नहीं है, बल्कि कंपनी के पुनर्गठन का मसला है और इस मामले में अभी अदालत में सुनवाई चल रही है.
उन्होंने बताया कि तत्कालीन महाधिवक्ता की राय के अनुरूप ही सरकार ने कदम उठाया था और अदालत का जो भी फैसला आएगा, सरकार को मान्य होगा.
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विधायक सरयू राय ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व में ही तत्कालीन महाधिवक्ता की भूमिका पर सवाल उठाया था, महाधिवक्ता की भूमिका ही संदेहास्पद है. इसलिए इस पूरे मामले की एसीबी से जांच करानी चाहिए. उन्होंने बताया कि जिस वर्ष कंपनी को कार्य आवंटित किया गया, उसी वर्ष जनवरी महीने में इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया गया और इस कंपनी के पास कार्य का पर्याप्त अनुभव नहीं था.
उन्होंने रघुवर दास का नाम लिये बिना कहा कि राज्य के एक प्रभावी नेता के पुत्र की शादी रायपुर के होटल क्लार्क इन में हुई है, जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था, उस कंपनी के मालिक भी सड़क निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी के ही मालिक है. सरयू राय ने कहा कि प्रभावशाली नेता को उपकृत करने के लिए उस होटल में बड़े नेता की शादी हुई. उस शादी में कितना खर्च हुआ, यह बताया जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि इस कंपनी को मेराल-बाना-अम्बखोरिया पथ का काम भी निविदा समिति द्वारा 3 अक्टूबर को आवंटित हुआ था, जिसे अनियमित ठहराते हुए उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है. इस संबंध में सरकार की ओर से दिये गये जवाब में बताया गया है कि इस आदेश के खिलाफ विभाग द्वारा अदालत में एलपीए दायर किया गया है और यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है.
विधायक प्रदीप यादव ने भी मामले की जांच की मांग की
विधायक प्रदीप यादव ने भी सड़क निर्माण कार्य में लगी कंपनी के रायपुर स्थित होटल में बड़े व्यक्ति के पुत्र की शादी का जिक्र करते हुए पूरे मामले की जांच की ताकि करोड़ों रुपये का ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर पूरी जांच हो सके.
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विधायक बंधु तिर्की ने भी इस मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जब उनके खिलाफ भी एक मामले में अदालत में मामला चल रहा था, तो पूर्ववर्ती सरकार ने मामले की छानबीन की जिम्मेवारी एसीबी को कैसे सौंप दी. इस बीच भाजपा के कई सदस्य शोर-शराबा करते हुए वेल में आ गये, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के समझाने पर वे अपनी सीट पर वापस आकर बैठे.