रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ मंगलमय हो.
●कलियुगाब्द…….5121
●विक्रम संवत्……2076
●शक संवत्………1941
●मास……………चैत्र
●पक्ष…………..कृष्ण
●तिथी……..एकादशी
दुसरे दिन प्रातः 06.01 पर्यंत पश्चात द्वादशी
●रवि……….उत्तरायण
●सूर्योदय..प्रातः 06.31.24 पर
●सूर्यास्त..संध्या 06.37.36 पर
●सूर्य राशि………मीन
●चन्द्र राशि…….मकर
●नक्षत्र……उत्तराषाढ़ा
दोप 02.44 पर्यंत पश्चात श्रवण
●योग……………परिघ
प्रातः 11.33 पर्यंत पश्चात शिव
●करण…………….बव
संध्या 05.१३ पर्यंत पश्चात बालव
●ऋतु……………बसंत
●दिन……………गुरुवार
आंग्ल मतानुसार :-
19 मार्च सन 2020 ईस्वी ।
तिथि / पर्व / व्रत विशेष :
◆◆ ।। दशामाता पूजन ।।
चैत्र कृष्ण दशमी पर महिलाएं दशामाता का व्रत करती हैं. यह व्रत खासतौर पर घर की दशा ठीक होने के लिए किया जाता है. इस दिन महिलाएं कच्चे सूत का डोरा लाकर नल दमयंती की कहानी कहती है तथा पीपल का पूजन कर 10 बार पीपल की परिक्रमा कर उस पर सूत लपेटती हैं तथा डोरे में 10 गठान लगाकर गले में बांधकर रखती हैं .
अभिजीत मुहूर्त :-
दोपहर 12.10 से 12.58 तक ।
राहुकाल :-
दोपहर 02.04 से 03.34 तक ।
दिशाशूल :-
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
★ शुभ अंक……4
★ शुभ रंग….पीला
चौघड़िया :-
प्रात: 11.03 से 12.33 तक चंचल
दोप. 12.33 से 02.03 तक लाभ
सायं 05.03 से 06.33 तक शुभ
सायं 06.33 से 08.03 तक अमृत
रात्रि 08.03 से 09.33 तक चंचल |
आज का मंत्र :-
।। ॐ विश्वचेष्टाय नमः ।।
सुभाषितम् :-
तृणं चाहं वरं मन्ये नरादनुपकारिणः ।
घासो भूत्वा पशून्पाति भीरुन् पाति रणांगणे ॥
◆ अर्थात :- जो तृण बनकर पशु का रक्षण करता है, और रणांगण में दूसरों को बचाता है, उन तृण के तुकडों को मैं, अपकारी मानव से ज़ादा श्रेष्ठ समज़ता हूँ ।
आरोग्यं :-
◆ 1. जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस :- बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है. इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएं. नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे. इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें. दो तीन माह तक लें.
◆ 2. अधिक क्रोध के लिये आंवले का मुरब्बा और गुलकंद :- बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएं और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लेंं क्रोध आना शांत हो जाएगा.
◆ 3. दांतों के कष्ट में तिल का उपयोग :- तिल को पानी में 4 घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुंह को भरें और 10 मिनट बाद उगल देंं चार पांच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुंह के घाव, दांत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है.