रांची: नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू का झारखंड की राजधानी रांची समेत राज्यभर के विभिन्न जिलों में व्यापक असर देखा जा रहा है.
जनता का ,जनता के लिए और जनता द्वारा यह स्वःनियंत्रित अभियान सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक चलेगा.
राजधानी रांची में सुबह सात बजे से सड़कों पर तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.
सिर्फ आवश्यक सेवाओं को लेकर ही इक्के-दुक्के वाहन ही सड़क पर नजर आ रहे है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लोग अपने घर में ही बंद है.
जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए सुबह में मॉर्निंग वॉक करने वाले कई लोग भी अपने घर से बाहर नहीं निकले.
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए मुख्य सचिव डी.के. तिवारी ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर राज्य के बाहर से झारखंड में प्रवेश करने वाली सभी ट्रेनों के परिचालन पर 22 से 31 मार्च तक रोक लगाने का आग्रह किया है.
मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर आगामी 31 मार्च तक ट्रेनों के परिचालन पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है.
उन्होंने पत्र में यह भी जानकारी दी कि राज्य में लोगों को एक जगह जमा होने से पूर्व में ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है. उन्होंने रेलवे से भी इस दिशा में आवश्यक सहयोग का आग्रह किया है.
इधर, कोरोना वाइरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राज्य के परिवहन आयुक्त ने दूसरे राज्य से झारखंड में आने वाली बसों के प्रवेश पर मध्य रात्रि से ही रोक लगाने का आदेश जारी किया है. आदेश की प्रति बिहार बंगाल उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग को भी भेजी गई है.
वैसी बसें जो दूसरे राज्य से निकल चुकी है उन्हें केवल काल भर प्रवेश करने की इजाजत होगी. यह आदेश अगले आदेश तक प्रभावी रहे
ग्रामीण क्षेत्रो में भी है असर
जनता कर्फ्यू को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है असर गली चौक चौराहा में पसरा सन्नाटा घर के आंगन में भी नहीं निकलना चाह रहे हैं लोग
इचाक प्रखंड के नावाडीह पंचायत तिलरा गांव का है तस्वीर