रांची: रांची में लाॅक-डाउन के पहले दिन सोमवार को लोग गंभीर नजर नहीं आये. सरकार व प्रशासन के आदेश की खूब अनदेखी होती नजर आयी. लाॅक-डाउन के पहले दिन लोग जहां कए ओर घरों के जरुरी सामान को एकत्रित करने के लिए सड़कों व बाजारों में भारी संख्या में उमड़ पड़े वहीं कई लोग बेवजह सड़कों पर पैदल अथवा वाहनों से भी घुमते नजर आये.
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दोपहर बाद बाजार में भीड़ को बढ़ता देख प्रशासन ने थोड़ा कड़ाई की और बेवजह सड़क पर निकले लोगों को घर भेजा. वाहनों को भी रोककर प्रशासन व यातायात पुलिस के लोग समझाते नजर आये. सुबह लगभग 10 बजे तक सड़कों पर ऑटो भी चलीं लेकिन बाद में यातायात पुलिस द्वारा टैम्पो का परिचालन बंद कराया गया. सबसे चिंता की बात तो यह रही कि कई व्यवसायियों द्वारा अपने दुकान खोले गये. ऐसे दुकानों में न तो किसी जरुरी सामानों की बिक्री की जा रही थी और न ही इसकी कोई आवश्यकता थी. कई क्षेत्रों में मुर्गा-मीट की दुकानें भी खुली दिखी. देर शाम कांटाटोली के समीप के ईलाकों में लोग भारी भीड़ के साथ चाय की चुस्की लेते नजर आये. सोमवार को पहली पाली में मेन रोड में भी कई अनावश्यक दुकानें खुली नजर आयीं, हालांकि मेन रोड में स्वयं एसडीओ लोकेश मिश्रा व एडीएम अखिलेश कुमार सिन्हा स्वयं ही पेट्रोलिंग करते नजर आए और गाड़ी से उतर कर चेतावनी देते हुए ऐसे खुले दर्जनभर दुकानों को बंद भी कराया.
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सोमवार को राजधानी के हालात को काफी चिंताजनक कहा जा सकता है और प्रशासन के लिए यह निश्चित रुप से काफी विचारणीय है. पुलिस प्रशासन द्वारा भी कई स्थानों पर आने-जाने वाले लोगों से पूछताछ की गयी और कानूनी काररवाई की बात कही गयी. निजी वाहनों में सैर से निकले युवाओं को पुलिस ने पकड़ कर चालान काटा. अगर यही हालात रहे तो राज्य में कफ्र्यू ही एकमात्रा विकल्प है. यह कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह शुभ संकेत नहीं है.