जलग्रहण क्षेत्र में 24 घंटे के दौरान हुई भारी वर्षा से राज्य की तीन नदियां बागमती, लालबकेया और कमला बलान लाल रेखा को पार गईं। इस अवधि में इन नदियों के जलस्तर में डेढ़ से दो मीटर तक की वृद्धि हुई है। दो अन्य नदियां महानंदा और भुतही बलान भी खतरे के निशान को छूने का बेताब हैं। नदियों में अचानक उफान से मुजफ्फरपुर के कटरा के पास बागमती पर बना पीपा पुल और डायवर्सन बह गया। बेनीपुर में दक्षिणी उपधारा के पास काफर बांध 70 फीट तक कट गया। उधर, गंडक की तेज धारा ने गोपालगंज के बरौली में कटाव शुरू कर दिया है। नेपाल में वर्षा होने के बाद भी कोसी नदी का डिस्चार्ज अभी तक सीमा में है।
इन नदियों में अचानक उफान से उत्तर बिहार और पूर्व बिहार के साथ कोसी इलाके में भी बाढ़ की आशंका गंभीर हो गई है। खास बात यह है कि पटना में पुनपुन को छोड़ राज्य में सभी नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जल संसाधन विभाग ने तटबंधों के बचाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि कुछ जगहों पर नदियों की तेज धार के कारण इंजीनियर विवश दिख रहे हैं। बावजूद सभी इंजीनियरों को 24 घंटे सचेत रहने का निर्देश दिया गया है।
मौसम विभाग की सूचना के अनुसार बागमती नदी के क्षेत्र में खतरा और गंभीर ता है। बागमती के साथ अधवरा समूह की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में अगले 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा की चेतावनी है। इसके जलग्रहण क्षेत्र नेपाल के जनकपुर में शुक्रवार को 204 मिलीमीटर तक वर्षा होने का अनुमान है। कमला नदी के जलग्रहण क्षेत्र सिराहा में 128 और बूढ़ी गंडक के क्षेत्र सिमरा में 129 मिलीमीटर तक वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है।
बागमती सीतामढ़ी के ढेंग में खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यह नदी सोनखान में लाल निशान से 82 और डुबाधार में 44 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण के गौवाबारी में लाल निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है, तो कमला बलान झंझारपुर रेल पुल के पास लाल निशान से 65 सेंटीमीटर ऊपर है। महानंदा पूर्णिया के धनगरहाघाट में लाल निशान से मात्र नौ मिमी नीचे बह रही है। शुक्रवार को इसके जलग्रहण क्षेत्र नेपाल के विराट नगर में 55 मिमी वर्षा होने की आशंका है। ऐसे में इस नदी के भी लाल निशान के पार हो जाने की आशंका बढ़ने लगी है। भूतही बलान मधबनी के बायें तटबंध के पास इकमा में लाल निशान से मात्र 13 मिमी नीचे बह रही है। नेपाल में भारी वर्षा के बावजूद वीरपुर बराज के पास कोसी नदी का डिस्चार्ज एक लाख 26 हजार घनसेक पहुंचा है। बराह क्षेत्र में इसका डिस्चार्ज एक लाख 28 हजार घनसेक है।