जमशेदपुर: वैश्विक आपदा कोरोना के संक्रमण के रोकथाम को लेकर देश लॉकडाउन पर है. केंद्र और राज्य सरकार एक के बाद एक कड़े कदम उठा रही है. साथ ही आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े इसका भी हर संभव ख्याल रख रही है और जिला प्रशासन को कई जरूरी कदम उठाने का निर्देश भी दी गई है.
केंद्र सरकार ने इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए देशवासियों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है. वहीं केंद्र सरकार की घोषणा के बाद आज भी ऐसे लोग हैं, जो पेट की आग बुझाने के लिए घरों से बाहर चोरी-छिपे निकल रहे हैं.
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हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर के काशीडीह स्थित मजदूर चौक की. आपको बता दें कि ये वो जगह है, जहां आम दिनों में सैकड़ों मजदूर इकट्ठा होते थे और दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपने परिवार के लिए तीन से साढ़े तीन सौ रुपए प्रतिदिन कमाते थे जिससे इनका गुजारा चलता था. वहीं लॉकडाउन के कारण पिछले 6 दिनों से इन्हें ना तो कहीं काम मिल रहा है ना ही इनके पास पेट की आग बुझाने का दूसरा कोई साधन है.
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यही कारण है कि यह मजदूर चोरी-छिपे यहां एकत्रित होते हैं और फिर वापस चले जाते हैं. इनका कहना है कि इनके पास ना तो राशन कार्ड है, ना ही सरकार की ओर से दी जाने वाली कोई अन्य सुविधा. इन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से फरियाद लगाई है, कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर सरकार और प्रशासन राशन- पानी की व्यवस्था करें, ताकि ये भी अपने परिवार के साथ घरों में सुरक्षित रह सके. निश्चित तौर पर स्थानीय प्रशासन को इन दिहाड़ी मजदूरों के विषय में गंभीरता से सोचने का समय आ गया है.