रांची: भारतीय लोग नौ से पांच की नौकरी के आदी हो गए हैं. उन्हें लगता है कि कोरोना भी नौ से पांच की ड्यूटी करता है और इसी समय सक्रिय रहता है. पूर्ण लॉक डाउन के बावजूद देश के विभिन्न क्षेत्रों में, विशेषकर झारखंड के विभिन्न जिलों में प्रातः और संध्याकाल सड़कों तथा बाजारों में अनावश्यक भीड़ देखी जा रही है.
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मॉर्निंग वॉक चिंता का कारण
प्रातः भ्रमण करने वाले लोग भी स्वास्थ्य लाभ के लिए सड़कों पर नजर आ रहे हैं. इससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ होगा क्या कोरोना का खतरा बढ़ेगा विचारणीय है. ताजी सब्जी के शौकीन भी प्रतिदिन सब्जी लेने निकल ही पड़ते हैं. यह सोशल डिस्टेंसिंग के अवधारणा को तोड़कर दूसरों के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है.
लापरवाही जानलेवा हो सकती है
बचाव के उपायों की अवहेलना आज पूरी दुनिया इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस सहित अन्य यूरोपीय देशों में देख रही है. इन देशों की सरकार जनता को भगवान भरोसे छोड़ने को विवश है. जर्मनी में तो एक राज्य के वित्त मंत्री ने आत्महत्या भी कर ली.
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समस्या गंभीर है इसे विकराल होने से जनता ही बचा सकती है. अतः घर पर रहे सुरक्षित रहें. सरकार को और सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर ना करें.