नई दिल्ली: निजामुद्दीन का मरकज आज सुबह करीब 4 बजे खाली करा लिया गया. जब मरकज खाली कराया जा रहा था, तो वहां करीब 2100 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जबकि मरकज के लोग दावा कर रहे थे कि अंदर महज 1000 लोग हैं.
बता दें कि मंगलवार को तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज से 1548 लोग निकाले गए. इन सभी लोगों को डीटीसी की बसों से दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया गया.
तबलीगी जमात से जुड़े 24 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. दिल्ली में 714 लोग कोरोना के शुरुआती लक्षणों की वजह से अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें 441 लोग तबलीगी जमात के हैं. यानी तबलीगी जमात ने दिल्ली को कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बना दिया.
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इस जमात से जुड़े करीब 8 लोगों की, देश के अलग अलग हिस्सों में मौत हो चुकी है. अब तक देश भर में जमात से जुड़े 84 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें दिल्ली के 24, तेलंगाना के 15 और तमिलनाडु के 45 लोग हैं.
इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने तेलंगाना में COVID-19 पॉजिटिव मामलों के सामने आते ही 21 मार्च, 2020 को सभी राज्यों के साथ भारत में तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं का विवरण साझा किया.
इस त्वरित कार्रवाई का उद्देश्य COVID-19 पॉजिटिव जमात कार्यकर्ताओं की पहचान करना और उन्हें अलग करके क्वारन्टीन करना था, जिससे देश में COVID-19 को फैलने से रोका जा सके.
इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ-साथ सीपी, दिल्ली को भी निर्देश जारी किए गए थे. 28 और 29 मार्च को भी DIB द्वारा सभी राज्य डीजीपी को इस विषय में पत्र लिखे गए.
बता दें कि तबलीगी जमात मुख्यालय (मरकज) दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है. धार्मिक उद्देश्य के लिए देश भर और विदेश से मुस्लिम मरकज आते हैं. कुछ लोग तबलीगी गतिविधियों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में समूहों में भी जाते हैं. यह पूरे वर्ष चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है.
21 मार्च को मिशनरी काम के लिए लगभग 824 विदेशी तबलीगी जमात कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में थे. इसके अलावा, लगभग 216 विदेशी नागरिक मरकज में रह रहे थे.
वहीं करीब 1500 से अधिक भारतीय जमात कार्यकर्ता भी मरकज में रह रहे थे. जबकि लगभग 2100 भारतीय जमात कार्यकर्ता मिशनरी काम के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे थे.
23 मार्च के बाद से, निजामुद्दीन और तबलीग के आस-पास और पूरी दिल्ली सहित आसपास के राज्यों के अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया, जिसके बाद से ये लोग निजामुद्दीन स्थित मुख्यालय में थे.