रांची: विदेशी देश में धर्म प्रचारक के रूप में कदम रखते हैं वीजा के सहारे, लेकिन सच्चाई यह है कि धर्म प्रचार के लिए वीजा नहीं मिलता है.
अब तक देश में जितने भी विदेशी पकड़े गए हैं, वे सभी धर्म प्रचार के लिए देश के विभिन्न इलाकों में गए. लेकिन धर्म प्रचार के नाम पर वीजा कैसे मिला, इस पर केंद्र व राज्य सरकार सोच में पड़ गई है.
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जाने क्या है सच्चाई
सच्चाई यह है की ये मौलवी पर्यटक वीजा लेकर भारत आते है. पर्यटक वीजा वैसा वीजा है जो भारत में घूमने फिरने के लिए विदेशियों को प्रदान किया जाता है.
घूमने फिरने के नाम पर आसानी से वीजा मिल जाता है. हालांकि दिल्ली में निजामुद्दीन में हुए वाकये के बाद से इन्हें फिलहाल पर्यटक वीजा नहीं मिलेगा.
किसी भी विदेशी को भारत आकर तबलीगी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी. इसी के साथ गृह मंत्रालय ने वीजा के लिए आवेदन करने वाले तबलीगी कार्यकर्ताओं के भारत में रहने, वापसी का टिकट, उनके वित्तपोषण से जुड़ी सभी जानकारियां मांगी हैं.
बता दें कि निजामुद्दीन मरकज में देश के कोने-कोने से इसके सदस्य तो आए ही थे, विदेशों से भी भारी संख्या में कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे.
क्या कहा है गृह मंत्रालय ने
गृह मंत्रालय ने कहा कि तबलीगी जमात के लोग पर्यटक वीजा पर ही भारत आते हैं. मंत्रालय ने पहले ही गाइडलाइंस जारी की है कि पर्यटक वीजा पर इन्हें किसी तरह के मिशनरी कार्य में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी.
पुलिस इस मामले में आगे की जांच करेगी और कार्रवाई करेगी. गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ऐसे लोगों ने, जिन्होंने हाल ही में भारत की यात्रा की है और वीजा नियमों व शर्तों की अवहेलना की है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाना भी शामिल है.
हर जिले में है फॉरेन सेक्शन
भारत के हर जिले में फॉरेन सेक्शन बना हुआ है, जहां हर जिले में आये विदेशियों का विस्तृत जानकारी होती है. जिसमें यह जानकारी भी रहती है.
वीजा कितने दिनों का है, वीजा किस काम के लिए है और तीसरा मूवमेंट डिटेल का होना जरूरी है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण मूवमेंट डिटेल है, विदेशी पर्यटक जो भी भारत आते है उनका मूवमेंट डिटेल उनके वीजा के साथ फॉरेन सेक्शन में दिया जाता है.
जिसकी जानकारी जिले के आलाअधिकारियों को होती है. ऐसे में अगर वो पर्यटक वीसा पर धर्म प्रचार और निर्देशित मूवमेंट के आलावा दूसरे जगहों जाते है तो यह जिम्मेवारी किसकी बनती है.
कुल 2000 विदेशी आए भारत
इससे पहले आज सरकार ने कहा कि इस साल एक जनवरी से देश में तबलीगी गतिविधियों के लिए 2000 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई.
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 विदेशी देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 296 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं.
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बयान में कहा गया कि ऐसा आकलन है कि एक जनवरी से तबलीगी गतिविधियों के लिए 2000 विदेशी भारत आए.
बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं. यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है.