कभी भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के तूफानी बल्लेबाज रहे और अब दिल्ली के नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती ने अपने बिजनेस पार्टनर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने कहा कि उनके बिजनेस पार्टनर ने उनके फर्जी सिग्नेजर के जरिये 4.5 करोड़ रुपये का लोन ले लिया और अब वह चुका नहीं रहा है। आरोपित बिजनेस पार्टनर का नाम रोहित कक्कड़ है।
आरती के मुताबिक, वह रोहित कक्कड़ नाम के एक शख्स की फर्म में पार्टनर बनी थीं। यह फर्म दिल्ली के अशोक विहार में स्थित है। आरती सहवाग का आरोप है कि रोहित कक्कड़ समेत करीब 6 दूसरे लोगों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। इस फर्म के लोगों ने बिना आरती सहवाग की जानकारी के एक दूसरी फर्म जो बिल्डर कंपनी है, में आरती के पति वीरेंद्र सहवाग के नाम का इस्तेमाल किया और उस फर्म से करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का लोन लिया। इसके लिए आरती सहवाग के फर्जी सिग्नेचर भी किए।
आरती का आरोप है जब वो पार्टनर बनी थी तो यही बात हुई थी बिना उनकी परमिशन के कोई काम नहीं होगा। फ़िलहाल आरती सहवाग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू सेल ने आरोपियों के खिलाफ 420 धारा के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले पिछले सप्ताह ही 2.5 करोड़ रुपये के एक चेक बाउंस मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग 4 जुलाई को ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर जिला अदालत में पेश हुईं थीं। यहां उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था, हालांकि इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। बता दें कि आरती फल के विभिन्न उत्पाद बनाने वाली कंपनी एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट्स में साझेदार हैं। आरोप है कि इस कंपनी ने लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी को आर्डर पूरा नहीं करने पर गत वर्ष ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया।
उधर चेक बाउंस के मामले में उन्हें ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय से जमानत मिल गई है। एसएमजीके एग्रो प्रॉडक्ट कंपनी ने लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी को एक ऑर्डर पूरा नहीं करने के बाद पिछले साल ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था। आरती एमएसजीके में पार्टनर हैं। जिला कोर्ट में वाद दायर होने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसको लेकर आरती सहवाग शुक्रवार को न्यायालय में पेश हुईं।
अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह ने पूरे मामले में जानकारी देते बताया कि लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित एसएमजीके एग्रो प्रॉडक्ट कंपनी के पास रुपये जमा कराकर वर्क ऑर्डर दिया था। लेकिन, एसएमजीके कंपनी यह ऑर्डर पूरा नहीं कर सकी। इसके बाद एसएमजीके कंपनी को लखनपाल प्रमोटर्स को राशि वापस करनी थी, जिसके लिए एसएमजीके ने लखनपाल प्रमोटर्स को ढाई करोड़ रुपये का चेक दे दिया। जैसे ही लखनपाल प्रमोटर्स ने बैंक में चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया था। इसके बाद लखनपाल प्रमोटर्स ने एसएमजीके को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया।