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राज्य सरकार को 7 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई
रांची: कोरोना से निपटने के लिए राज्य में क्या-क्या इंतजाम और संसाधन उपलब्ध हैं इसबारे में झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से ब्यौरा मांगा है. शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए पत्र पर संज्ञान लेते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने विडिओकांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 7 अप्रैल तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को बताने को कहा है कि राज्य में कितने विदेशी और दूसरे राज्यों से कितने लोग आए हैं. राज्य में कितने लोगों को होम कोरेंटाइन किया गया है. कितने क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं और अस्पतालों में कोरोना की जांच की क्या इंतजाम किए गए है. कितने स्थान पर सैंपल जांच की जा रही है.
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राज्य में कोरोना से निपटने के लिए जो भी संसाधन की जरूरत होती है उसका ब्योरा भी कोर्ट ने मांगा है. यह बताने को कहा है कि राज्य में अभी कितने पीपीई उपलब्ध हैं और कितने मंगाए जा रहे हैं. सभी संसाधन कब तक उपलब्ध हो जाएंगे. सरकार को सात अप्रैल तक पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया है.
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि राज्य अभी करीब 4,000 पीपीई हैं. इनमें 1,040 पीपीई की आपूर्ति जिलों में की गयी है. 70 हजार पीपीई मंगाने का ऑर्डर सरकार ने दिया है. पीपीई समेत कई और किट का वितरण केंद्र सरकार अपनी निगरानी में कर रही है. राज्यों की स्थिति और जरूरतों को देखते हुए उसकी सप्लाई की जा रही है. राज्य सरकारें जितना ऑर्डर दे रही हैं उतना आपूर्ति नहीं की जा रही है.
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उच्च न्यायालय के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने मुख्य न्यायाधीश को इ-मेल के जरिए एक पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि राज्य में कोरोना के मरीज मिलने लगे हैं लेकिन मीडिया रिपोर्ट देखने से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने इससे निपटने पूरी तैयारी नहीं की है. अस्पतालों में पीपीई और दूसरे किट उपलब्ध नहीं है. इस गंभीर मामला मानते हुए चीफ जस्टिस से सभी डॉक्टर, नर्स, सपोर्टिंग स्टॉफ को पीपई उपलब्ध कराने के लिए संज्ञान लेने का आग्रह किया. राज्य में कोरोना की जांच केंद्र की संख्या बढ़ाकर लगातार जांच की व्यवस्था करने का आग्रह किया ताकि अधिक से अधिक लोगों की जांच की जा सके.