रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ मंगलमय हो.
●कलियुगाब्द…..5122
●विक्रम संवत्….2077
●शक संवत्……1942
●मास…………चैत्र
●पक्ष………..शुक्ल
●तिथी…….पूर्णिमा
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
●रवि……उत्तरायण
●सूर्योदय..प्रातः 06.12.47 पर
●सूर्यास्त..संध्या 06.45.21 पर
●सूर्य राशि…..मीन
●चन्द्र राशि…कन्या
●नक्षत्र……..चित्रा
रात्रि 03.00 पर्यंत पश्चात स्वाति
●योग……..व्याघात
दोप 02.09 पर्यंत पश्चात हर्षण
●करण………..बव
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात बालव
●ऋतु………..बसंत
●दिन…………बुधवार
आंग्ल मतानुसार :-
08 अप्रैल सन 2020 ईस्वी ।
तिथि विशेष :-
● चैत्र शुक्ल पूर्णिमा (श्री हनुमान प्रकटोत्सव) :-
हनुमान जी को शिवजी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है. हिन्दू मान्यतानुसार रुद्रावतार भगवान हनुमान माता अंजनी और वानर राज केसरी के पुत्र हैं. चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही हनुमान प्रकटोत्सव के रूप में मानते हैं. हनुमान जी के जन्म का वर्णन वायु- पुराण में किया गया है.
हनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रात: काल सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए. हनुमान जी की पूजा में चन्दन, केसरी, सिन्दूर, लाल कपड़े और भोग हेतु लड्डू अथवा बूंदी रखने की परंपरा है.
● प्रेत आदि की बाधा निवृति हेतु हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए :-
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।
प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।
● शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:-
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
● अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए :-
अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।
राहुकाल :-
दोपहर 12.28 से 02.01 तक ।
दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
★ शुभ अंक…….8
★ शुभ रंग…….हरा
चौघड़िया :-
प्रात: 06.15 से 07.48 तक लाभ
प्रात: 07.48 से 09.21 तक अमृत
प्रात: 10.54 से 12.27 तक शुभ
दोप 03.34 से 05.07 तक चंचल
सायं 05.07 से 06.40 तक लाभ
रात्रि 08.07 से 09.33 तक शुभ ।
आज का मंत्र :-
|| ॐ कपिश्रेष्ठाय नम: ||
सुभाषितानि :-
व्रजन्ति ते मूठधियः पराभवम् ।
भवन्ति मायाविषु ये न मायिनः ॥
अर्थात :- जो राजा कपटी इन्सान के साथ कपटी वर्तन नहीं करता वह मूर्ख राजा का पराभव होता है ।
आरोग्यं :-
शतावरी के फायदे :-
◆ 01. बुखार और जलन :- शतावरी ठंडी होने के कारण बुखार, जलन और पेट के अल्सर को दूर करने में सहायक होती है.
◆ 02. बीमारियों का नाश करे :- यह ऐसी जडी बुटी है जो टाइफाइड, हैजा, बुखार ईकोलाई से लड़ती है. यह बैक्टीरिया शरीर में डायरिया और मतली पैदा करते हैं.
◆ 03. सुन्दरता निखारे :- शतावरी में विटामिन ए मौजूद होता है जो हमारी त्वचा को सुंदर बनता है. इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से चेहरे की झुर्रियां साफ हो जाती है.
◆ 04. घाव भरे :- शतावरी की पत्तियों की कलख बनाकर घाव वाले स्थान पर लगायें. इससे घाव जल्दी भरकर ठीक हो जाता है.