राजधानी काठमांडू के भी कुछ हिस्से बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए हैं. मृतकों में तीन सदस्य एक ही परिवार के थे. काठमांडू स्थित उनके घर की दीवार ढहने से तीनों उसकी चपेट में आ गए थे. वहीं तीन अन्य लोग पूर्व के खोतांग जिले में एक भूस्खलन में मारे गए. नेपाल में मूसलाधार बारिश की वजह से आई बाढ़ और उसकी वजह से हुए भूस्खलन का कहर जारी है. यहां बाढ़-भूस्खलन की वजह से 43 लोगों की मौत हो गई है जबकि 24 लोग लापता हैं. साथ ही 20 लोग घायल बताए गए जबकि 50 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है. बाढ़ से नेपाल के ज्यादातर इलाके जलमग्न हो गए हैं. बचाव टीमें प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों, खोज और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं.
नेपाल में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते यहां के कई इलाकों में बाढ़ आ गई. साथ ही पानी के तेज बहाव के कारण ज्यादातर इलाकों में भूस्खलन भी हुआ. बाढ़ अतिसंवेदनशील इलाकों से लोगों को विस्थापित कर सुरक्षित इलाकों में भेजा गया है. यातायात बुरी तरह प्रभावित है, सभी प्रमुख राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही बाधित है. ऐसा अनुमान है कि लगभग 6,000 लोग बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, उनके घरों में पानी भर गया है.
नेपाल पुलिस ने अपने समाचार बुलेटिन में कहा कि बारिश से होने वाली आपदाओं ने पूरे देश में तबाही मचाई है. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 43 हो गई है. उन्होंने बताया कि ललितपुर, कावरे, कोटंग, भोजपुर और मकनपुर सहित विभिन्न जिलों से लोगों के मारे जाने की सूचना है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बचाव अभियान से जुड़े काम तेज कर दिए गए हैं.’
नेपाल आपातकालीन कार्यसंचालन केंद्र के प्रमुख बेद निधि खानल ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि देशभर में 200 से अधिक स्थानों की पहचान मानसून संबंधित आपदाओं के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्र के रूप में की गई है. बचाव दल, राहत कार्यों, खोज और बचाव कार्यों का संचालन कर रहे हैं.