जामताड़ा: विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा दिए गए प्रस्ताव, जिसमें उन्होंने सभी विधायकों को 2 साल का वेतन एवं विधायक निधि देने की मांग की है को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं बाबूलाल मरांडी को पिछले कई वर्षों से जानता हूं. जब मैं रांची में डॉक्टर था और ये राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे, यह जितनी बड़ी बड़ी बातें करते हैं उतना कर पाने में वह कभी भी सक्षम नहीं रहे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई की मुहिम में लगा हुआ है तो दूसरी तरफ सिर्फ सस्ती लोकप्रियता एवं मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे बयान देना समझ से परे हैं.
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मैं पूछना चाहता हूं कि क्या एक विधायक दल के नेता होने के नाते आपने अपने सभी भाजपा के विधायकों से बात किया है और क्या वे सभी लोग इस पर राजी हुए हैं? बिना सोचे समझे इस तरह का बयान देना बड़ा ही बचकाना लगता है. भाजपा के ही एक विधायक विरंची नारायण ने कल अपने 1 महीने का वेतन PM CARE में दिया, तो जब उनके खुद के विधायक ही इनकी बात नहीं सुन रहे तो फिर इस तरह का हल्की बयान बाजी करने की क्या आवश्यकता है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर भाजपा के सभी विधायकों ने अपने 2 साल का वेतन राहत कोष में दिया तो मैं अपने 5 साल का वेतन सरेंडर कर दूंगा. एक बात और कहना चाहूंगा कि विधायक निधि का जो पैसा होता है वह जनता के विकास के लिए होता है तो उस पैसे को सरेंडर करने का कोई औचित्य नहीं है. अगर आप सच में दान करना चाहते हैं तो अपने वेतन का पैसा दें जिस पर सिर्फ आपका अधिकार होता है.
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