नई दिल्ली: हरियाणा में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 201 हो चुकी है. राज्य सरकार इस संकट से निपटने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रही है. कोरोना का सामना करने में स्वास्थ्यकर्मियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन हरियाणा सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला किया है. खट्टर सरकार ने उन स्वास्थ्यकर्मियों को दोगुनी सैलरी देने का फैसला किया है जो कोविड-19 मरीजों के इलाज में मुस्तैद हैं.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा में जब तक कोविड-19 महामारी राज्य में है उसे ध्यान में रखकर सरकार स्वास्थ्यकर्मियों की सुविधा के लिए फिक्रमंद है. उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में वो राज्य के हर एक नागरिक से अपेक्षा करते हैं कि वो इस असामान्य संकट को समझेंगे. आज मिलजुलकर हम इस समस्या का सामना कर सकते हैं.
राज्य के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 के मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी तबलीगी जमात के अनेक लोगों के संक्रमित पाए जाने की वजह से हुई. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक तबलीगी जमात के 1,550 सदस्यों का पता लगाया गया है, जिनमें से 107 विदेशी हैं.
विज ने दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे तबलीगी जमात के लोगों को 8 अप्रैल शाम पांच बजे तक का समय देते हुए कहा था कि वे संबंधित जिला प्रशासन से संपर्क करें, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
विज ने बुधवार को कहा, ‘निर्देशित समय सीमा समाप्त हो चुकी है. अब जिनका पता लगाया जाएगा और वे कोविड-19 से संक्रमित मिले तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाएगा.’
हरियाणा में कोरोना वायरस से तीन लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 29 लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार ने उन कैदियों को रिहा किया है जो सात या सात से कम साल वाले अपराधों में सजा काट रहे थे. उन्हें पेरोल या नियमित जमानत पर जेल से रिहा किया गया है.
गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा था कि कोरोना के केस में बढ़ोतरी की बड़ी वजह तब्लीगी जमात बन गया. अब तक तब्लीगी जमात के 1500 लोगों का पता चला है. हरियाणा सरकार ने सख्त रुख साफ कर दिया था कि तब्लीग से जुड़े जो लोग 8 अप्रैल तक अपने बारे में जानकारी नहीं देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.