रोम: कोरोना का विश्व में सबसे बुरा असर किसी देश पर हुआ है तो वह है इटली. दुनिया में दूसरा सबसे बेहतरीन मेडिकल सर्विसेज वाला देश इटली की मेडिकल सर्विसेज को कोरोना ने बुरी तरह से तबाह कर दिया है. आपात स्थिति से निपटने के लिए बुलाये गए कई रिटायर डॉक्टर्स भी संक्रमण से दम तोड़ चुकें है.
इस बात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है की यहां 100 दिनों में 100 डॉक्टर सहित 30 से ज्यादा नर्स और मेडिकल स्टाफ की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है.
NFOMCEO के प्रवक्ता ने AFP को बताया,
‘कोविड-19 के कारण 100 डॉक्टरों की जान चली गई. दुर्भाग्य से शायद इस वक्त तक यह आंकड़ा 101 होगा.’
संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों में रिटायर डॉक्टर्स भी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने एक महीने पहले कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद के लिए बुलाना शुरू कर दिया था. कोविड-19 के कारण दुनिया में सर्वाधिक 17,669 लोगों की मौत इटली में हुई है.
30 नर्सों की भी मौत
आई खबरों के मुताबिक 30 नर्सें और नर्सिंग सहायकों की भी इस संक्रमण के कारण मौत हो गई. एफएनओएमसीईओ की वेबसाइट पर फलिप्पो एनेली ने कहा कि अब भी डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को कोरोना के खिलाफ बिना किसी सुरक्षा के लड़ाई में उतारने देना गलत है.
रोम के आईएसएस सार्वजिनक स्वास्थ्य संस्थान का अनुमान है कि इटली के संक्रमित लोगों में से दस फीसदी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में काम करते हैं.
नन ने वेल उतार थामा आला
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक नन ने भी अपने कॉन्वेंट से एक महीने की छुट्टी ले अपना वेल उतार कर आला थाम लिया है. वह पेशे से डॉक्टर भी हैं. वह कांगो मूल की नागरिक है.
वह नन के लिबास वेल की जगह प्रॉटेक्टिव सूट पहनकर घूम रही हैं और हाथ में मास्क और फेस पर सर्जिकल मास्क लगा रखा है. वह अस्पताल में इलाज के अलावा बर्गामो में लोगों के घरों में भी जाती हैं जहां दो हजार लोगों की कोरोना से मौत हो गई है.