नीता शेखर,
रांची: आज सभी को धीरज और धैर्य की जरूरत है. पहले हम कहते थे “तुम भी चलो हम भी चले चलती रहे ज़िंदगी ना जमीं आसमां ना मंजिल, जिंदगी है जिंदगी” पर आज हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि तुम भी रुको हम भी रुको रुकेगी यह जिंदगी आगे देखना है पर इसे थामना जरूरी है.
घर में कठिन दिन भी गुजर जाएगा. कर लो थोड़ा यकीन. तुम भी रुको हम भी रूके. जिंदगी क्या है? हम इसी जिंदगी को बचाने के लिए कितनी जिंदगियों को दांव पर लगा रहे हैं. बार-बार जिंदगी बचाने वाले लोग विनती कर रहे है. थोड़ा और सब्र कर लो तो अपनों के साथ कईयों की जिंदगी बचा सकते हैं. इतने धीरज और धैर्य का सामना किया है बस थोड़ा सा ही और कर लो.
माना कि एक-एक पल बिताना बहुत मुश्किल है पर इस मुश्किल घड़ी में आपको डगमगाना नहीं है. आप यह सोचिए आप अकेले नहीं बल्कि आपके साथ पूरा समाज, पूरा देश ,पूरा संसार है. आपकी थोड़ी सी हिम्मत कईयों को हिम्मत दिला सकती है. संसार साक्षी है कि संसार पर कई बड़े बड़े खतरे और महामारी आये पर हम सब उस जंग को जीतकर निकले हैं. यह वक्त भी निकल जाएगा. बस जरूरत है थोड़ी हिम्मत और संयम की.
सदियों पहले जब रावण सीता को हर ले गया था तब प्रभु राम ने हिम्मत नहीं हारी थी बल्कि अपने धीरज और धैर्य से रावण को मारकर सीता को ले आए थे. महाभारत में भी जब कौरवों ने पांडवों का अपमान कर उनको देश निकाला दे दिया था और द्रौपदी चीर हरण किया था तब श्री कृष्ण ने पांडवों को धीरज और धैर्य बढ़ाई थी फिर उनकी भी कौरवों पर विजय हुई थी. उसी तरह इतिहास गवाह है. ऐसे कई किस्से है जिस पर हम ने विजय हासिल की है.
ऐसे भी कहते हैं मनुष्य का जीवन ही संघर्ष है. आज इस संघर्ष में बस जरूरत है हिम्मत और धैर्य की हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हम जीतेंगे और जीतेंगे “कोरोना” नामक इस वायरस को हराकर रहेंगे. चल चला चल अकेला चल चला चल हिम्मत ना हार चल चला चल अकेला चल चला चल.
इस संसार में कोरोना नामक जो आग लगी है. वो बुझ जाएगी हिम्मत ना हार, चल चला चल अकेला चल चला चल. आज हम सब की सही मायने में परीक्षा की घड़ी है. हमें उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है हम पास करेंगे और जरुर करेंगे क्योंकि हमारा हिम्मत और संयम हमारे साथ है.