महाराष्ट्र: देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच चार अप्रैल को महाराष्ट्र के चेंबूर में रहने वाली नेहा सिन्हा ने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा, ‘सर मेरा साढ़े तीन साल का बेटा ऑटिज्म और गंभीर फूड एलर्जी से पीड़ित है. वह केवल ऊंटनी के दूध और सीमित मात्रा में दालों पर जीवित रहता है. जब लॉकडाउन शुरू हुआ तो मेरे पास लंबे समय तक रखने के लिए पर्याप्त ऊंटनी का दूध नहीं था. राजस्थान के सादरी से ऊंटनी का दूध या उसका पाउडर लाने में मेरी मदद करें.’ इस ट्वीट के बाद ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा से लेकर राजस्थान के अधिकारी तक हरकत में आ गए. इसके बाद जो गतिविधि शुरू हुई वह सिन्हा के घर तक 20 लीटर फ्रोजन (जमे हुए) ऊंटनी का दूध और 20 किलो ऊंटनी के मिल्क पाउडर पहुंचाने पर खत्म हुई.
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सिन्हा का ट्वीट देखने के बाद बोथरा उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य यात्री परिवहन प्रबंधक तरुण जैन के पास पहुंचे. जहां दोनों ने राजस्थान से मुंबई तक फ्रोजन दूध भेजने को लेकर बातचीत की. इसके बाद जैन ने इस मामले पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक महेश चंद जेवालिया से चर्चा की. जिसके बाद लुधियाना से बांद्रा टर्मिनस के लिए चलने वाली पार्सल मालगाड़ी संख्या 00902 को अजमेर के पास फालना स्टेशन पर एक अनियोजित ठहराव की अनुमति दी गई.
आपूर्तिकर्ता ने कहा कि वह दूध को फालना स्टेशन तक भेज सकता है क्योंकि यह सबसे नजदीक है. इस स्टेशन पर ट्रेन नहीं रुकती है. हालांकि यह फैसला लिया गया कि ट्रेन को वहां रोका जाएगा. पार्सल लेने के लिए स्टेशन पर गुड्स बुकिंग काउंटर भी खोला गया था. उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कल रात हमें सूचना मिली कि राजस्थान से ऊंटनी का दूध बांद्रा स्टेशन से लिया गया और रात 8.30 बजे तक महिला के घर पहुंचया गया.’
इस समय सिन्हा को अपने बच्चे के लिए दूध की बहुत ज्यादा जरुरत थी जिसे देखते हुए बोथरा ने आद्विक फूड्स के साथ संपर्क किया. यह कंपनी ऊंटनी के दूध का पाउडर बनाती है और उन्हें अंधेरी में एक दुकान के जरिए 400 ग्राम दूध के पाउडर की व्यवस्था करने में मदद की. इससे उन्हें राजस्थान से दूध आने तक अपने बच्चे को पिलाने के लिए दूध मिल गया.
इस मामले को लेकर बोथरा ने कहा, ‘मुझे बताया गया था कि यदि बच्चे को ऊंटनी का दूध नहीं मिला तो वह एक हफ्ते में मर सकता है. दूध आपूर्तिकर्ता ने ट्रेन के माध्यम से 20 लीटर ऊंटनी का दूध और 20 किलो ऊंटनी दूध का पाउडर भेजा था. इसके बाद मुझे इसी तरह का अनुरोध एक और माता-पिता से मिला. सिन्हा ने फिर इस दूध और पाउडर के एक हिस्से को मुंबई के उस अन्य परिवार के साथ साझा किया.’