बिहार(पटना): देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकारी अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ पर खासा दबाव है और राज्य सरकारों ने मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां भी रद्द कर दी है.
साथ ही सभी सरकारी डॉक्टर्स को कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई में अपना पूरा योगदान देने का अनुरोध किया गया है. ऐसे बिहार के 9 मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 234 और अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए हैं, जिससे हड़कंप मच गया है.
बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स के अलावा पीएचसी और अन्य सरकारी अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कर्मचारी भी अनुपस्थित पाए गए हैं. सभी अनुपस्थित डॉक्टर्स और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
प्रधान सचिव ने कहा है कि कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में डॉक्टर्स को चाहिए कि वह अपनी ड्यूटी करें, साथ ही कर्मचारियों को भी अपना फर्ज निभाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों को 1 महीने का अतिरिक्त वेतन देने का भी ऐलान किया गया है.
ऐसे में डॉक्टर्स और कर्मचारियों से आग्रह है कि वह संकट के इस घड़ी में अपना फर्ज निभाएं. उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ 9 मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अनुपस्थित डॉक्टर्स की संख्या 234 है, अगर इनमें पीएचसी और अन्य सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स की संख्या को जोड़ दें तो यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाती है.