नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक प्राधिकरण द्वारा कैदियों को बिना जमानतदार ही रिहा करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल अधीक्षकों को अहम निर्देश दिए हैं.
न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ व न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जमानती नहीं देने पर जमानत पाए कैदियों को निजी मुचलके पर ही रिहा किया जाए. पीठ ने कहा कि यह मुचलका जेल अधीक्षक के अनुसार तय होगा.
दिल्ली राज्य विधिक प्राधिकरण की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि कई विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिए गए हैं.
हालांकि, जमानतदार नहीं लाने के कारण कई कैदी जेल से बाहर नहीं जा सकते. ऐसे में कैदियों को बिना जमानतदार के ही रिहा करने का आदेश दिया जाए. याचिका में कहा गया कि इससे जेल में कैदियों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी.
पीठ ने इस पर जेल अधीक्षकों को निर्देश दिया कि हाई कोर्ट या निचली अदालत से जिन कैदियों को सात अप्रैल या इससे पहले जमानत मिल गई है उन्हें बिना जमानतदार के ही निजी मुचलके पर रिहा कर दिया जाए. कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए यह आदेश पारित किया है.
इधर, हॉटस्पॉट चिन्हित इलाकों में निगम ने ऑपरेशन टिपल एस शुरू किया गया है. टिपल एस का मतलब स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी.
उत्तरी दिल्ली निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने बताया कि इसके तहत जिस इलाके में कोरोना के मामले सामने आएं या प्रशासन की ओर से उसे हॉटस्पॉट चिन्हित किया जाएगा, वहां यह ऑपरेशन टिपल एस चलाया जाएगा। जब तक कोरोना का संकट खत्म नहीं हो जाता, तब तक यह ऑपरेशन जारी रहेगा.
इसके तहत निगम कर्मचारी प्रत्येक घर पर जाकर सैनिटाइजेशन करेंगे. वे यह तय करेंगे कि प्रशासन की ओर से तय किए गए शारीरिक दूरी के नियम का लोग पालन करें. निगम के कर्मचारी प्रमुख स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए चिन्ह बना रहे हैं.
जय प्रकाश ने बताया कि पुरानी दिल्ली के सदर बाजार, चांदनी महल व दरियागंज जैसे इलाकों को प्रशासन की ओर से सील किया गया है. इस दौरान नागरिकों से अपील की गई है कि वे घर से बाहर न निकलें. इलाके में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी.