दिल्ली: कोरोना वायरस के विकराल रूप से जूझ रहे अमेरिका के लिए भारत ने जो मदद का हाथ बढ़ाया है, उसका असर दिखना शुरू हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने 15.5 करोड़ डॉलर की हारपून ब्लॉक II एयर लॉन्चड मिसाइलें और हल्के वजन के टॉरपीडो भारत को बेचने की अपनी प्रतिबद्धता से संसद को अवगत कराया.
डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी’ ने संसद को दो विभिन्न अधिसूचनाओं बताया कि इन 10 AGM-84L हारपून ब्लॉक II मिसाइलों की कीमत 9.2 करोड़ डॉलर है जबकि हल्के वजन के 16 ‘एमके 54 ऑल राउंड टॉरपीडो’ और तीन ‘एमके 54 एक्सरसाइज टॉरपीडो’ की कीमत करीब 6.3 करोड़ डॉलर है. पेंटागन ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इनकी मांग किए जाने के बाद इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने निर्णय लिया.
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हारपून ब्लॉक II के संबंध में पेंटागन के कहा कि भारत इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी धरती की सुरक्षा बढ़ाने के लिए करेगा. भारत को अपने सशस्त्र बलों में इस उपकरण को शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी. अन्य एक अधिसूचना में एमके 54 के बारे में पेंटागन ने कहा कि भारत इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी धरती की सुरक्षा बढ़ाने के लिए करेगा. भारत हल्के वजन वाला एमके54 टॉरपीडो अपने पी-84 विमान से इस्तेमाल करना चाहता है. भारत को इसमें कोई कठिनाई नहीं होगी.
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पेंटागन के अनुसार यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारतीय सामरिक संबंधों को मजबूत करने और एक प्रमुख रक्षात्मक साझेदार की सुरक्षा मजबूत करने में मदद करेगी और यह हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति, और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होगा.